राजमहल पहाड़ियाँ
राजमहल पहाड़ियाँ (Rajmahal Hills) भारत के झारखण्ड राज्य के संथाल परगना विभाग में स्थित एक पर्वतमाला है। इनका नाम साहिबगंज ज़िले के राजमहल नगर पर पड़ा है। यह 200–300 मीटर (660–980 फुट) ऊँची पहाड़ियाँ कतार बनाकर उत्तर-दक्षिण दिशा में साहिबगंज ज़िले और दुमका ज़िले में स्थित हैं और 2,600 वर्ग किलोमीटर (1,000 वर्ग मील) क्षेत्रफल पर विस्तारित हैं। पृथ्वी के भूवैज्ञानिक इतिहास में यह गोण्डवाना लैण्ड नामक बृहत महाद्वीप के उत्तरी छोर पर खड़ी हैं।[1][2]
राजमहल पहाड़ियाँ | |
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Rajmahal Hills | |
उच्चतम बिंदु | |
निर्देशांक | 25°00′N 87°00′E / 25.00°N 87.00°Eनिर्देशांक: 25°00′N 87°00′E / 25.00°N 87.00°E |
भूगोल | |
देश | भारत |
राज्य | झारखण्ड |
जिला | साहिबगंज ज़िला व दुमका ज़िला |
जीवाश्म
संपादित करेंपुरावनस्पति विज्ञान की दृष्टि से राजमहल पहाड़ियों में कई वनस्पति जीवाश्म (फॉसिल) मिलते हैं, जिस कारणवश इन क्षेत्रों को भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा भारत का एक राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारक घोषित करा गया है। राजमहल पहाड़ियों में 6.8 to 14.5 करोड़ वर्ष पुराने वनस्पति जीवाश्म मिले हैं। यहाँ पर विश्वभर के भूवैज्ञानिक और पुरावनस्पति विशेषज्ञ अध्ययन करने आते हैं। राज्य सरकार द्वारा सन् 2018 में कुछ कम्पनियों को इस क्षेत्र में खनन करने की अनुमति मिलने से इन जीवाश्मों की संरक्षण को लेकर चिंता बनी हुई है।[3][4][5]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Tourism and Its Prospects in Bihar and Jharkhand Archived 2013-04-11 at the वेबैक मशीन," Kamal Shankar Srivastava, Sangeeta Prakashan, 2003
- ↑ "The district gazetteer of Jharkhand," SC Bhatt, Gyan Publishing House, 2002
- ↑ National Geological Monument, from Geological Survey of India website
- ↑ "Geo-Heritage Sites". Press Information Bureau. 2016-03-09. अभिगमन तिथि 15 September 2018.
- ↑ A Monograph on National Geoheritage Monuments of India Archived 2017-01-11 at the वेबैक मशीन, Indian National Trust for Art and Cultural Heritage|INTACH, March 2016