राजर्षितुल्यकुल
राजर्षितुल्यकुल एक राजवंश था जिसने भारत के दक्षिण कोशल क्षेत्र पर शासन्न किया। इस राजवंश को सुर राजवंश भी कहा जाता है। इस वंश के पतन के पश्चात इस क्षेत्र में पर्वतद्वारक राजवंश का उदय हुआ।
अरङ्ग का राजर्षितुल्यकुल | |||||||||||||
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राजधानी | अरङ्ग | ||||||||||||
धर्म | हिन्दू | ||||||||||||
सरकार | राजतंत्र | ||||||||||||
इतिहास | |||||||||||||
• स्थापित | चौथी शताब्दी | ||||||||||||
• अंत | छठी शताब्दी | ||||||||||||
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अब जिस देश का हिस्सा है | भारत |
राजा
संपादित करेंराजर्षितुल्यकुल के ज्ञात राजाओं के नाम निम्नलिखित हैं-[1][2]
- महाराज सुर
- महाराज दयित प्रथम (उपाख्य, दयितवर्मन प्रथम)
- महाराज भीमसेन प्रथम
- महाराज दयितवर्मन द्वितीय
- महराज भीमसेन द्वितीय (501 ई या 601–?)
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Detail History of Orissa". Government of Odisha. मूल से 12 November 2006 को पुरालेखित.
- ↑ "छत्तीसगढ़ के स्थानीय राजवंश भाग 1 ( राजर्षि तुल्य कुल वंश)". Apex Study. Apex Study. अभिगमन तिथि 24 December 2019.[मृत कड़ियाँ]
ग्रन्थसूची
संपादित करें- "Detail History of Orissa". Government of Odisha. मूल से 12 November 2006 को पुरालेखित.
- Misra, Om Prakash (2003). Archaeological Excavations in Central India: Madhya Pradesh and Chhattisgarh. Mittal Publications. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7099-874-7.
- "छत्तीसगढ़ के स्थानीय राजवंश भाग 1 ( राजर्षि तुल्य कुल वंश)". Apex Study. Apex Study. अभिगमन तिथि 24 December 2019.[मृत कड़ियाँ]
- Patnaik, Jeeban Kumar. "Temples of South Kosala 6th century A D 11th century A D a case study of stellate temples-Chapter II: Historical background of South Kosala" (PDF). Shodaganga Inflibnet. Shodaganga Inflibnet.