राजस्थान के वाद्य यंत्र
राजस्थान के लोक वाद्य यंत्र समृद्ध संस्कृति का प्रमुख हिस्सा हैं, जहाँ में स्थलीय गीतों, नृत्यों,
राजस्थान के वाद्य यंत्रों में निम्न यंत्र आते हैं।
- रावण हत्था[1]
- कमायचा[2]
- सिंधी सारंगी
- मोरचंग
- अलगोजा
- नागफणी
- घड़ा
- जंतर
- चिकारा
- इकतारा
- मुरली
- गुजरी
- धीरू
- भपंग
- खड़ताल[3]
- [तन्दुरा/तम्बुरा/चाैैतारा/ वेणौ]
- [मंजिरा]
- [बाकियो]
- रमझोल
- झालर
- नेवर
- बम
- [मादल]
- रवाब
- [कमायचा]
रावणहत्था
संपादित करेंकमायचा
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "दशहरा: दशानन रावण का ये आविष्कार, आज भी है लोगों के हाथों में". अमर उजाला. २९ सितंबर २०१७. मूल से 29 सितंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 फ़रवरी 2020.
- ↑ "Why Manganiyars love the Kamaicha". The Hindu. १५ फरवरी २०१८.
- ↑ "राजस्थान के लोक वाद्य यंत्र". राजस्थान जीके.