राजस्थान विधान सभा

राजस्थान विधान सभा भारतीय राज्य राजस्थान में एकसदनीय विधानमंडल है। यह राज्य की राजधानी जयपुर में स्थित है। विधान सभा सदस्यों अर्थात विधायकों का चुनाव सीधे जनता करती है। वर्तमान में इसमें विधायक संख्या 200 है। यदि जल्दी भंग नहीं किया जाए तो इसका समयान्तराल 5 वर्ष है। 1957 में 160 सदस्यों को बढ़ाकर 176 किया गया था ( जो कि राजस्थान की अजमेर रियासत के विलय की वजह से बढ़ाई गई थी तथा 1967 में सीटों को बढ़ा कर 184 कर दिया था और 1977 में 184 से बढ़ा कर 200 कर दिया गया तथा 2026 तक 200 ही रखा जाएगा।

राजस्थान विधान सभा
राजस्थान विधान सभा
15वीं (पन्द्रहवीं विधानसभा)
प्रकार
सदन प्रकार एकसदनीय
नेतृत्व
विधान सभा अध्यक्ष सी॰पी॰ जोशी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2019 से
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2018 से
विपक्ष के नेता राजेन्द्र राठौड़, भारतीय जनता पार्टी
2023 से
सीटें 200
चुनाव
निर्वाचन प्रणाली प्रत्यक्ष रूप से प्रादेशिक प्रतिनिधित्व प्रणाली एवं First Past the Post मत तथा गुप्त मतदान प्रणाली द्वारा
पिछला चुनाव 2018
विधान सभा सत्र भवन
जयपुर में विधान सभा भवन
वेबसाइट
https://assembly.rajasthan.gov.in/

इतिहाससंपादित करें

प्रथम राजस्थान विधान सभा (1952-1957) का उद्घाटन 31 मार्च 1952 को हुआ। इसमें 160 सदस्य थे।[1] वर्तमान में राजस्थान विधानसभा के अंदर 200 सीटें हैं15वी विधान सभा के अध्यक्ष सी.पी. जोशी है। 15वी विधानसभा में कांग्रेस पार्टी ने युवा नेता प्रदेसाध्यक्ष सचिन पायलट ओर अनुभवी नेता अशोक गहलोत के नेतृत्व में चुनाव जीता और अशोक गहलोत ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली । युवा और जनप्रिय नेता सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री के पद से संतुष्ट होना पडा, 199 सीटों के लिए हुई चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 99+1(गठबंधन) सीटें जीत कर सरकार बनाई । इसके बाद हुये लोकसभा चुनाव मे राजस्थान की जनता ने 25 लोकसभा सीटो पर भाजपा को जिताया

सन्दर्भसंपादित करें

  1. "राजस्थान विधान सभा - सदन कार्यकाल". राजस्थान विधान सभा वेबपृष्ठ. मूल से 5 मई 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितम्बर 2010.