"राजा पूरनमल जाट" मुगल काल और सूरी वंश के दौरान रायसीन के शासक थे। राजा पूरनमल के पूर्वजों की जड़ें गुप्त वंश (धरन गोत्र) के जाटों में पाई जाती हैं। [1] शेरशाह सूरी ने 1543 में रायसीन पर हमला किया लेकिन सीधे युद्ध में किले पर कब्जा नहीं कर सके तो एक साजिश के तहत पूरनमल जाट को हरा कर दुर्ग पर अधिकार कर लिया [2] [3] [4]।।

 

  1. (James Todd Annals/Chapter 4 Foundations of States and Cities by the different tribes),p.47-48
  2. Abū al-Fazl ibn Mubārak, The Ain - I - Akbari, Volume 2, page 196
  3. (Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur), p.238
  4. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.292