रामा भील रामपुरा के संस्थापक थे मध्यप्रदेश के निमच जिले मे रामपुरा नगर स्थित है इस नगर को राजा रामा भील ने बसाकर अपनी राजधानी बनाया। रामा भील बड़े ही बहादुर और प्रजा प्रेमी राजा थे उनकी गणना उज्जैन के चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य और धार के राजा भोज से की जाती है। राजा रामा भील छप्पन गढ़ के प्रमुख थे उन्हे अरावली सम्राट कहा जाता है।[1][2][3][4]

आमद के राजा

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नीमच जिले मे ही आमद स्थित है भील राजा बीस वर्ष की आयु मे ही आमदत् के राजा बन गए थे बाद मे आमद का शासन भील राजा देवा मोरी को देकर उन्होंने एक नया नगर रामपुरा बसाकर वंहा अपनी राजधानी बनाई। राजा रामा भील ने एक किले का निर्माण भी कराया।

राजा रामा भील का राज्य

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रामा भील को अरावली सम्राट कहा जाता है। उनका शासन क्षेत्र कनेरा से लेकर गागरोन तक फेला था रामा भील छप्पन ठिकानो के प्रमुख थे जिनमे दस प्रमुख ठिकाने शंखोंद्वार, केदारेश्वर, आंतरी, आमद, साँकरया, खेड़ी, बुज, रामपुरा, भानपुरा, सालरमाता यह दस ठिकाने तीर्थ स्थल भी थे।

प्रजा प्रेमी

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रामा भील घोड़े पर सवार होकर सभी ठिकानो पर पहुँचते थे वे बारी बारी लोगो के साथ बैठकर खाना खाते और लोगो के विवादो को सुलझाते थे।

रामा भील के राज्य मे समानता के साथ लोग रहते थे जाती भेद नही था राजा प्रजा के साथ बैठकर खाना खाते थे स्वयं राजा जनता को भोजन परोसते।

लंबी मुछे

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राजा रामा भील नीले घोड़े पर सवार रहते थे वे हमेशा अपने साथ धनिष बाण , खड़ग और तलवार रखते थे।उनके बँटदार मुछे और सिर पर धजदार साफ़ा रहता था।


राजा रामा भील का राज्य चंबल नदी से घिरा था इसीलिए उनके पास जलसेना थी भीलों का एक समूह कीर था इनके सरदार जेता कीर थे इनके पास सेंकडो नावे थी

राजा रामा भील ने रामपुरा किले का निर्माण कराया था, आंत्रि मे रामा भील ने भैंसासुरी माताजी का विशाल चबूतरा बनाया था बाद मे चंद्रवतो ने वहा उनकी कुलदेवी चुंडावन की मूर्ति लगाई

रामपुरा का युद्ध

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रामपुरा पर चंद्रावत शिवा ने आक्रमण किया था उसने मांडू के मुस्लिम शासक की बेगम को पानी नदी मे डूबने से बचाया था इसी लिए मांडू का शासक शिवा से प्रसन्न था।

उधर आमद का भील राजा देवा बार बार मांडू के शासक को चुनोती देता और मांडू की बातो को नही मानता था तब मांडू के शासक ने शिवा को एक बड़ी मुस्लिम सेना के साथ आमदत् पर आक्रमण करने भेजा और देवा मोरी के राज्य पर शिवा ने अधिकार कर लिया मांडू के सुल्तान ने आमद पर शिवा चंद्रावत को बिठा दिया।

मांडू का शासक रामपुरा के भील राजा रामा की सवतंत्रता से खुश नही था उसने बड़ी सेना देकर सिवा चंद्रावत को रामपुरा पर आक्रमण करने भेजा उधर रामा भील को इस विषय मे बोध नही हुआ की कोई उनपर आक्रमण कर सकता है अचानक हुए हमले से रामा भील को बेहद हताहत हुई उन्होंने बेहद ही बहादुरी से युद्ध किया पर चंद्रावत ने पीठ पीछे हमला किया जिसके कारण भील राजा को गंभीर चोट लगी लेकिन फिर भी वे युद्ध करते रहे बाद मे सिवा ने रामा भील की गर्दन काट दी पर फिर भी राजा रामा भील युद्ध करते रहे पर अंतः वे शंखोंद्वार मे गिर गए वे एक बहादुर  योध्दा थे।

वे योध्दा जो युद्ध लड़ते हुए शहीद हुए

राजकुमार जालक - भील राजा के बेटे जालक ने बहादुरी से युद्ध किया उनके एक तिर से दो दुश्मन मारे गए पर विशाल सेना के आगे वे भी युद्ध लड़ते हुए शहीद हुए उनका जलेरिया भैरव मंदीर है।

राजकुमारी जालकी - भील राजा की बेटी इन्होंने महिलाओ की सेना बना रखी थी इन्होंने बड़ी बहादुरी से युद्ध किया पर वीरगति को प्राप्त हुई

राजा कटारा भील - हिंगलाज नगर और किले का निर्माण भील राजा कटारा ने कराया था यह पाकिस्तान के बलूचिस्तान से हिंगलाज माता की जोत लाये थे। कटारा का राज सरवन, सुजानपुर, भानपुर, हिंगलजगढ़, शामगढ़ व कँवाला तक था यह नो गढ़ के राजा थे। कटारया की इष्ट देवीर हिंगलाज माता रही, जब चंद्रावत ने रामपुरा जीत लिया तब उन्हे दर था की राजा कटारा उनपर आक्रमण न कर दे इसी कारण उन्होंने हिंग्लाजगढ़ पर आक्रमण किया जंहा कटारा भील शहीद हुए हिंग्लाजगढ़ मे कटारा पोल है और कटारा भैरव भी है या गोत्री भील की हत्त्या हुई थी।

  1. Rāmā Bhīla: janajātīya saṃskṛti evaṃ itihāsa kā loka nāyaka. Bhopāla: Ādivāsī Loka Kalā evaṃ Bolī Vikāsa Akādamī, Madhyapradeśa Saṃskr̥ti Parishad. 2019. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-83899-43-2.
  2. Guṇārthī, Rameśacandra (1965). Rājasthānī jātiyoṃ kī khoja. Ārya Bradarsa.
  3. history), Vinaya Śrīvāstava (Professor of (2007). Aphīma kr̥shi kā itihāsa: Mālavā ke viśesha sandarbha meṃ. Cirāga Prakāśana.
  4. Luard, Charles Eckford (1908). Indore State Gazetteer (अंग्रेज़ी में). Superintendent government printing, India.