राजा हृदय शाह

भारत के महान क्रांतिकारी लोधी योद्धा महाराजा हिरदेसाह

महाराज ह्रदय शाह 1842 की क्रांति के प्रमुख नायक थे उन्होंने ईस्ट इण्डिया कम्पनी के खिलाफ अपना विद्रोह 1857 तक जारी रखा | हृदय शाह (जिन्हे राजा हिरदेसाह या हरदेव शाह भी कहा जाता है), प्राचीन भारत के वर्तमान मध्य प्रदेश राज्य स्थित पन्ना ज़िला रियासत के प्रथम राजा थे। इन्होंने १७३१ से १७३९ तक शासन किया। ये महाराजा छत्रसाल के ज्येष्ठ पुत्र थे। इन्हें पन्ना रियासत अपने पिता से सन १७३१ ई. में वार्षिक ३९ लाख रुपये के बदले प्राप्त हुई थी। १७३१ में इन्होंने रीवा रियासत को अपने अधीन कर वहां के राजा अवधूत सिंह को रियासत छोड़कर जाने पर विवश कर दिया। अवधूत सिंह ने अवध में प्रतापगढ़ जाकर शरण ली थी। तब हरदे शाह बुंदेला ने वहां विवाह किया व पुत्र रत्न उत्पन्न हुआ।[1]

हृदय साह सिंह बुंदेला ( हिरदेसाह )
महाराजा
जन्मबुंदेलखण्ड
निधन१७३९
पूरा नाम
महाराज ह्रदय शाह सिंह
घरानाक्षत्रिय राजपूत
पितामहाराजा छत्रसाल
धर्महिन्दू धर्म

वंश वृद्धि संपादित करें

हरदे शाह बुन्देला के राजा सभा सिंह, राजकुमार पृथ्वी सिंह, राजा सलाम सिंह एवं कुंवर उमर सिंह नामक चार पुत्र हुए थे। इनमें से पृथ्वी सिंह को अपने पिता के बाद गद्दी प्राप्त हुई। उन्होंने मराठाओं की सहायता से पन्ना राज्य के शाहगढ़ को भी अधीन किया व १७४४ में वहां के प्रथम राजा बने। पृथ्वी सिंह का विवाह होने पर राजा हरि सिंह एवं राजा किशन सिंह पुत्र हुए।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "पन्ना - प्रिंसली स्टेट: गन सैल्यूट" (अंग्रेज़ी में). वर्ल्ड ओफ़ रोयलिटी. 2016-05-09. मूल से 30 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 फ़रवरी 2017.

इन्हें भी देखें संपादित करें

पूर्वाधिकारी
छत्रसाल
महाराजा
पन्ना राज्य

१७३१-१७३९
उत्तराधिकारी
राजा सभा सिंह

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें