राजीव गाँधी किशोरी सशक्तिकरण योजना
राजीव गाँधी किशोरी सशक्तिकरण योजना जिसे सबला भी कहा जाता है भारत सरकार द्बारा 2011 में 11 से 18 वर्ष की किशोरियों के सशक्तीकरण के लिए प्रारंभ की गई योजना है।[1]
इतिहास
संपादित करें2000-01 में भारत सरकार द्वारा किशोरियों के सशक्तिकरण के लिए किशोरी सशक्तिकरण योजना का आरंभ किया गया था। यह योजना 2009 तक चलती रही। यह देश के 200 पिछड़े हुए जिलों में लागू की गई थी। यही योजना महिला और बाल विकास विकास मंत्रालय (भारत) के सौजन्य से 1 अप्रैल 2011 से सबला नाम से पूरे देश में लागू कर दी गयी।[2] योजना का आर्थिक संभार शत प्रतिशत केंद्र द्वारा वहन किया जा रहा है।
क्षेत्र
संपादित करेंइसके अंतर्गत ११ से १८ साल तक की किशोरियों में पोषण, प्रशिक्षण एवं जागरुकता को बढ़ावा दिया जाता है। किशोरियों को आयरन और प्रोटीन की गोलियाँ एवं अन्य आवश्यक पोषक तत्व दिये जाते हैं। योजना का क्रियान्वयन ११ से १४ साल की बच्चियों के लिए मध्याह्न भोजन योजना द्वारा वहीं १५ से १८ साल की किशोरियों के लिए आँगनबाड़ी केंद्र से किया जाता है। योजना के अंतर्गत प्रति किशोरी प्रतिदिन पाँच रुपये के पोषण व्यय का प्रावधान है।[3]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "संग्रहीत प्रति" (PDF). मूल (PDF) से 10 जनवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 मई 2012.
- ↑ TNN Apr 9, 2011, 08.39pm IST (9 अप्रैल 2011). "SABLA scheme for adolescent girls - Times Of India". Articles.timesofindia.indiatimes.com. मूल से 6 जनवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31-05-2013.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link) - ↑ "२०११" (PDF). मूल (PDF) से 11 मई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 जून 2012.
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