रामसेवक शंकर
जन्मतिथी: | ६ नवम्बर १९३७ |
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निधन: | |
जन्मस्थान: | |
पत्नी: | |
सूरीनाम के राष्ट्रपति | |
राष्ट्रप्ति क्रम: | चौथे राष्ट्रपति |
पदभार ग्रहण: | २५ जनवरी, १९८८ |
सेवामुक्त: | २४ दिसंबर १९९० |
पूर्ववर्ती: | एल॰एफ॰ रामदत मिसियर |
उत्तराधिकारी: | जॉहन क्राग |
रामसेवक शंकर एक राजनीतिज्ञ हैं और १९८८-१९९० के दौरान सूरीनाम के राष्ट्रपति रहे। सत्तारूढ़ सैन्य शासन द्वारा नए संविधान अपनाए जाने के बाद १९८७ में हुए संसदीय चुनावों के बाद राष्ट्रीय विधानसभा द्वारा उन्हें राष्ट्रपति चुना गया। रामसेवक शंकर भूतपूर्व कृषि मंत्री थे और रामदत मिसियर के बाद सूरीनाम के राष्ट्रपति बने।
१९८९ में वे मरून या बुश नीग्रो लोहों को क्षमादान करने के लिए सहमत हुए जिससे इस बात की संभावना थी की वे वर्षावनों में विचरण करते हुए अपने हथियार रख देंगे। बोउटर्सी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल ने इस समझौते का यह कहते हुए विरोध किया की यह संविधान का उल्लंघन है और यह कदम एक स्वतंत्र सैन्य शक्ति को वैध करने वाला होगा।
१९९० में बोउटर्सी द्वारा किए गए एक रक्तहीन सैन्य तख़्तापलट के बाद, एक सेना समर्थित सरकार स्थपित की गई और जॉहन क्राग को नया राष्ट्रपति बनाया गया।