रायपुर विकास प्राधिकरण

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रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए/ राविप्रा) - नगर विकास के लिए 1963 में नगर सुधार न्यास के नाम से मध्यप्रदेश शासन व्दारा गठित किया गया था। 1977 में नगर सुधार न्यास का दर्जा बढ़ा कर राज्य शासन ने इसे रायपुर विकास प्राधिकरण के रूप में अपग्रेड किया। सन् 2002 में रायपुर विकास प्राधिकरण को नगर पालिक निगम रायपुर में विलय कर दिया गया। 28 अक्टूबर 2004 को पुनः रायपुर विकास प्राधिकरण का पुनर्गठन किया गया। रायपुर विकास प्राधिकरण व्दारा 1995 में निर्मित नगरघड़ी पूरे विश्व में अपने आप में एक अनूठी नगरघड़ी है। हर घंटे छत्तीसगढ़ का लोकसंगीत सुनाने वाली यह विश्व की इकलौती नगरघड़ी है। लोकधुन सुनाने की इस अवधारणा के कारण इसे वर्ष 2009 में लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस तथा इंडिया बुक ऑफ रिकार्डस में शामिल किया गया है। इस संस्था का नारा है विकास हमारा उद्देश्य निर्माण हमारा लक्ष्य

वर्तमान में रायपुर विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष सुश्री संगीता पी.तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री भीम सिंह हैं। रायपुर विकास प्राधिकरण पिछले एक दशक से एक साथ कई योजनाओं में काम कर रहा है। प्राधिकरण की कई ऐसी योजनाएं है जो राजधानी रायपुर के स्वरुप को बदल रही है। पिछले कुछ वर्षों से प्राधिकरण, रायपुर शहर विकास की दिशा में देश की सबसे बड़ी नगर विकास योजनाओं में से एक कमल विहार पर पर काम कर रहा है। कमल विहार दर असल नगर विकास योजना क्रमांक 04 के नाम से जानी जाती है। इसके अन्तर्गत रायपुर शहर को व्यवस्थित करने के लिए 1600 एकड़ भूमि में कमल विहार योजना में अधोसंरचना का विकास किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत भूस्वामियों को उनकी भूमि के बदले पुनर्गठित विकसित भूखंड या कलेक्टर गाईड लाईन के आधार पर तथा वहां निर्मित संरचनाओं के लिए मुआवजा दिया गया है। रायपुर से भिलाई जाने वाली रिंग रोड में स्थित रायपुर ग्राम में प्राधिकरण ने नगर विकास योजना इन्द्रप्रस्थ रायपुरा का विकास किया है। इसके अतिरिक्त कमल विहार योजना के पास स्थित ग्राम बोरियाखुर्द में आवासीय निर्माण की योजना शुरू की गई है।

रायपुर विकास प्राधिकरण की देवेन्द्रनगर योजना में छत्तीसगढ़ सिटी सेन्टर का निर्माण किया गया है। छत्तीसगढ़ सिटी सेन्टर देश के सबसे बड़े मॉल्स में से एक है। देवेन्द्रनगर में ही छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्पियों और कलाकारों के लिए छत्तीसगढ़ शासन व्दारा छत्तीसगढ़ हॉट विकसित किया है। शहर की यातायात व्यवस्था के लिए रायपुर - बिलासपुर मार्ग पर स्थित ग्राम रावांभाठा के 98 एकड़ भूमि पर छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा ट्राँसपोर्टनगर का निर्माण किया है जो डॉ॰ खूबचंद बघेल जी के नाम पर है। यहां एक साथ 3 हजार ट्रक खड़े किए जा सकते हैं। गरीबों के लिए डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी आवास योजना के अन्तर्गत रायपुर विकास प्राधिकरण ने हीरापुर, सरोना, रायपुरा व बोरियाखुर्द में 3888 फ्लैट्स बना कर आवंटित किए गए हैं। ग्राम रायपुरा में छत्तीसगढ़ का पहला रिक्रिएशन पार्क एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का एक स्वीमिंग पूल अर्थात् वंडरलैंड पार्क का निर्माण किया गया है। यह राजधानी रायपुर का एक महत्वपूर्ण मनोरंजन केन्द्र बन गया है।

रायपुर विकास प्राधिकरण की विकास एवं निर्माण और विक्रय योग्य संपत्तियों जिनमें आवासीय व व्यावसायिक प्लाट,फ्लैट,मकान दुकान व व्यावसायिक परिसरों की जानकारी के लिए इसकी वेबसाइट www.rdaraipur.com देखी जा सकती है। इसके अतिरिक्त इसके फेसबुक पेज व ब्लाॉग मेें भी नियमित रुप से जानकारी देखी जा सकती है। इसका फेज बुक बेज www.facebook.com/rdaraipur है तथा ह्लॉग वेबसाईट www.rdaraipur.blogspot.com है। रायपुर विकास प्राधिकरण व्दारा विक्रय योग्य संपत्तियों की जानकारी के लिए इसके कार्यालय भक्त माताकर्मा कॉम्पलेक्स, न्यू राजेन्दनगर, रायपुर में संपर्क कर जानकारी ली जा सकती है। कार्यालय का फोन नंबर है 0771-2536188, टोलफ्री नंबर है 1800-233-7188