राव राजा हनुत सिंह
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[1] राव राजा हनुत सिंह को सार्वजनिक क्षेत्र के क्षेत्र में सन १९५८ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इनका जन्म जोधपुर, राजस्थान में हुआ था। ये शाही परिवार से संबंधित थे। शासक की विजातीय पत्नी को पासवान/पङदायत/खवास कहा जाता था। ऐसी उप पत्नी से उत्पन्न शासक की संतान को खवास पुत्र/चेला/गोटाबरदार/लालजी कहा जाता था। महाराजा श्री तख्त सिंह जी के शासनकाल में इनको राव राजा कहा जाता था।
राव राजा हनुत सिंह | |
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जन्म |
20 मार्च 1900 जोधपुर |
मौत |
12 अक्टूबर 1982 जोधपुर |
नागरिकता | भारत, ब्रिटिश राज, भारतीय अधिराज्य |
माता-पिता | इडर के प्रताप सिंह |
पुरस्कार | अर्जुन पुरस्कार, पद्म भूषण |
राजपूताना का इतिहास लेखक गौरी शंकर हीराचंद ओझा।
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- ↑ Laffaye, Horace A (2015). Profiles in Polo: The players who changed the game. ENGLAND: McFarland & Co inc. पृ॰ 76. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 1476662738.
But his most durable legacy to polo was his son,Rao raja Hanutsingh born to him in 1900 by one of Sir pratap 's "unofficial " wives or concubines,as distinct from his official wives,qualifying the child for the title of Rao raja •