राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र
राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र बीकानेर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर जोड़बीड़ क्षेत्र में स्थित है जिसे 20 सितम्बर, 1995 को क्रमोन्नत कर 'राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र' का नाम दिया गया है। 1984 में इसकी स्थापना एक 'ऊंट निदेशालय' के रूप में की थी। यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप) का एक प्रमुख अनुसंधान केन्द्र है जो कि कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक स्वायत संस्था है।
भारत में एक कूबड़ीय ऊँटों की संख्या लगभग 5 लाख है जो मुख्यतया भारत के उत्तर-पश्चिमी शुष्क एवं अर्द्ध शुष्क भाग के सीमांत राज्यों राजस्थान, गुजरात एवं हरियाणा में पाए जाते हैं। राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र एक कूबड़ वाले ऊँटों पर आधारभूत एवं व्यावहारिक अनुसंधान के साथ-साथ लद्दाख की नूब्रा घाटी के ठंडे रेगिस्तान में पाए जाने वाले दो-कूबड़ीय ऊँटों पर भी अनुसंधान हेतु ध्यान केन्द्रित कर रहा है।
उद्देश्य
संपादित करें- भिन्न-भिन्न कृषि पद्धतियों से प्रभावित होते हुए उष्ट्र (ऊँट) जनन एवं स्वास्थ्य हेतु आधारभूत तथा प्रायोगिक अनुसंधान करना
- भारत में उष्ट्र आनुवंशिक संसाधनों का आधार-रेखीय सर्वेक्षण करना
- भारवाहकता पर अनुसंधान करना
- उष्ट्र- दुग्ध उत्पादन क्षमता पर अनुसंधान करना
- जनन क्षमता सुधार हेतु अनुसंधान करना
- सजगता, निगरानी एवं नियत्रंण उपायों द्वारा उष्ट्र रोगों का प्रबंधन
- उपयुक्त पोषण द्वारा उत्पादकता बढ़ाने हेतु अनुसंधान करना
- ऊँटों के प्रतिरक्षा तन्त्र पर अनुसंधान करना तथा इसकी मानव रोगों के निदान एवं उपचार हेतु उपयोगिता का पता लगाना
- प्रौद्योगिकी वैधता और ऊँट पालकों के समाजार्थिक स्तर पर इसके प्रभावों का अध्ययन करना
- ऊँट अनुसंधान और विकास हेतु सूचना संग्रहक के रूप में कार्य करना
- राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय संसाधनों के साथ सहयोग करना
- उष्ट्र पालन एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में मानव संसाधनों का विकास करना
पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र
संपादित करेंराष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर के प्रमुख पर्यटन-स्थल के रूप में जाना जाता है तथा इसे पर्यटन मानचित्र में विशेष स्थान दिया गया है। पर्यटक इस केन्द्र में विभिन्न प्रजातियों के ऊँट तथा इनकी स्वभावगत आदतों का अनुभव कर सकते हैं। उष्ट्र संग्रहालय में पर्यटकों का भ्रमण उन्हें रेगिस्तानी पारिस्थितिकी तंत्र के ऊँट की विकास यात्रा एवं अनुसंधान विषयक जानकारी देता है। केन्द्र में उष्ट्र सवारी, सफारी, वीडियो तथा फोटोग्राफी करने की सुविधाएं उपलब्ध हैं। उष्ट्र मिल्क पार्लर का विशेष आकर्षण है क्योंकि यहां पर अनूठे मूल्य संवर्धित दुग्ध उत्पाद जैसे आइसक्रीम, गरम तथा ठण्डे पेय पदार्थों का विपणन किया जाता है। प्रतिवर्ष हजारों विदेशी एवं भारतीय पर्यटक केन्द्र का भ्रमण करने आते हैं।