राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली
नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System (NPS)) भारत सरकार द्वारा शुरू की गयी एक पेंशन-योजना (रिटायरमेंट सेविंग स्कीम) है।[1][2] एनपीएस एक प्रकार की पेंशन कम इन्वेस्टमेंट स्कीम है जो कि बाजार आधारित रिटर्न की गारंटी देती है।[3] एनपीएस को ई-ई-ई यानी अंशदान पर-निवेश-प्रतिफल और निकासी तीनों स्तर पर कर में छूट है जैसा कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) योजनाओं के मामले में है।[4] एनपीएस के तहत कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय कुल जमा कोष में से 60 प्रतिशत राशि निकालने का पात्र है। शेष 40 प्रतिशत जुड़ी राशि पेंशन योजना में चली जाती है।[5] यह ०१ जनवरी २००४ से आरम्भ हुई थी।[6] आरंभ में एनपीएस सरकार में भर्ती होने वाले नए व्यक्तियों (सशस्त्र सेना बलों के अलावा) के लिए आरंभ की गई थी। 1 मई 2004 हैं।
संक्षेपाक्षर | NPS |
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पूर्वाधिकारी | ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) |
स्थापना | जनवरी 1, 2004 |
प्रकार | Pension cum investment scheme launched by भारत सरकार |
वैधानिक स्थिति | Regulated by पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण |
उद्देश्य | Provide defined-contribution based pension for retirees and extend old age security coverage to all citizens |
मुख्यालय | नई दिल्ली |
स्थान |
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उत्पादs |
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सदस्यता (30 April 2023) |
6,35,43,628 Subscribers |
₹8,98,954 करोड़ (US$131.25 अरब) (April 2023) | |
Government Sector Subscribers (April 2023) |
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Private Sector Subscribers (April 2023) |
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Other Subscribers (April 2023) |
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पैतृक संगठन |
NPS Trust |
संबद्धता |
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जालस्थल | https://npstrust.org.in/ |
Department of Financial Services, Ministry of Finance - भारत सरकार |
10 दिसंबर 2018 को, भारत सरकार ने एनपीएस से पूरी राशि की निकासी कर मुक्त बनाया है।[7] एनपीएस के टायर -2 के तहत योगदान 80 सी के तहत कर मुक्त के लिए कवर किया गया है। आयकर लाभ के लिए 1.50 लाख, बशर्ते तीन साल की लॉक-इन अवधि हो।[8] एनपीएस में किए गए परिवर्तन आयकर अधिनियम, 1 9 61 में हुए बदलावों के माध्यम से अधिसूचित किए जाएंगे, जो 201 9 के केंद्रीय बजट में वित्त विधेयक के माध्यम से होने की उम्मीद है।[9] एनपीएस सीमित ईईई है, 60% की सीमा तक। 40% को अनिवार्य रूप से वार्षिकी (annuity) खरीदने के लिए उपयोग किया जाना चाहिए, जो लागू कर स्लैब पर कर योग्य है।[10] इसकी देखरेख पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की ओर से की जाती है। 2021 में, परिपक्वता के समय निकासी नियमों को बदल दिया गया था, और एक व्यक्ति पूरे एनपीएस कॉर्पस कॉर्पस को एकमुश्त निकाल सकता है, अगर यह 5 लाख रुपये या उससे कम है, लेकिन 40% कर योग्य होगा।[11][12]
परिचय
संपादित करेंभारत सरकार ने पेंशन क्षेत्र के विकास और विनियमन के लिए 10 अक्तूबर 2003 को पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) स्थापित किया। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) 1 जनवरी 2004 को सभी नागरिकों को सेवानिवृत्ति आय प्रदान करने के उद्देश्य से आरंभ की गई थी। एनपीएस का लक्ष्य पेंशन के सुधारों को स्थापित करना और नागरिकों में सेवानिवृत्ति के लिए बचत की आदत को बढ़ावा देना है।
इसके अलावा, केंद्र सरकार ने सेवानिवृत्ति के लिए असंगठित क्षेत्र को स्वैच्छिक बचत का बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बचट 2010-11 में एक सह अंशदान पेंशन योजना 'स्वावलंबन योजना' - आरंभ की। स्वावलंबन योजना के तहत सरकार प्रत्येक एनपीएस अंश दाता को 1000 रुपए की राशि प्रदान करेगी जो न्यूनतम 1000 रुपए और अधिकतम 12000 रुपए का अंश दान प्रति वर्ष करता है। यह योजना वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2016-17 तक लागू है।
नेशनल पेंशन स्कीम दिसंबर 2018 अद्यतन
संपादित करेंदिसंबर 2018 में भारतीय कैबिनेट ने नेशनल पेंशन स्कीम में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं ताकि नेशनल पेंशन स्कीम को निवेशकों के लिए ओर ज्यादा आकर्षक बनाया जा सके। वर्ष 2004 में जब NPS को शुरू किया गया था उस समय कर्मचारी को अपने मूल वेतन (बेसिक सैलरी) तथा महंगाई भत्ते का 10% का योगदान नेशनल पेंशन स्कीम में करना होता था। दिसंबर 2018 मे केंद्र सरकार ने इस योगदान को बढ़ाकर 14% कर दिया तथा कर्मचारी का योगदान 10% है। इस अद्यतन के पश्चात केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन में काफी इजाफा होगा।
दिसंबर 2018 में कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किये गए अद्यतन में दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय कर (टैक्स) से संबंधित है। इस से पहले, NPS की परिपक्वता (मैच्यूरिटी) पर केंद्रीय कर्मचारी पेंशन फण्ड में जमा राशि का 60% निकाल सकते थे जिसमें 40% राशि करमुक्त (टैक्स फ्री) होती थी और 20% पर कर (टैक्स) लगता था। नए अद्यतन के अनुसार 60% राशि को करमुक्त (टैक्स फ्री) कर दिया गया है।
तीसरा महत्वपूर्ण बदलाव निवेश (इन्वेस्टमेंट) को लेकर हुआ। अब कर्मचारियों को यह पूर्ण स्वतंत्रता होगी कि उनके द्वारा पेंशन में योगदान किया गया पैसा किस फण्ड में निवेशित हो। केंद्रीय कर्मचारी वर्ष में एक बार पेंशन फण्ड या इक्विटी को अपनी मर्जी के अनुसार बदल सकेंगे।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- नेशनल पेंशन स्कीम
- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली - सभी के लिए सेवानिवृत्ति योजना
- पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण
- एनपीएस- स्वावलंबन योजनाराष्ट्रीय पेंशन योजना - स्वावलंबन योजना से जुड़े आमतौर पर पूछे जाने वाले प्रश्न
- ↑ "How to generate a monthly pension of Rs.1 lakh from NPS?".
- ↑ "नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश की बना रहे हैं योजना, तो आपको ये पांच बातें जाननी चाहिए". मूल से 11 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 दिसंबर 2018.
- ↑ "Government makes NPS withdrawal 100% tax exempt". मूल से 11 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 दिसंबर 2018.
- ↑ "Govt brings NPS on a par with PF, makes it tax-free". मूल से 10 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 दिसंबर 2018.
- ↑ "Government to now contribute 14% to National Pension System, no tax on withdrawal". मूल से 11 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 दिसंबर 2018.
- ↑ "नेशनल पेंशन सिस्टम से रिटायरमेंट में कितने ठाठ?". मूल से 10 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 दिसंबर 2018.
- ↑ "Streamlining of National Pension System (NPS)".
- ↑ "NPS withdrawal made tax-free like PPF, EPF". मूल से 10 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 दिसंबर 2018.
- ↑ "Tax treatment of NPS set to change". मूल से 12 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 दिसंबर 2018.
- ↑ "Scrap the NPS annuity: Makes more sense to go for systematic withdrawal plan". मूल से 12 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 दिसंबर 2018.
- ↑ "You can withdraw entire NPS corpus lumpsum if Rs 5 lakh or less but 40% will be taxable".
- ↑ "PFRDA permits withdrawal of NPS corpus of Rs 5 lakh without buying annuity".