राष्ट्रीय मतदाता दिवस

राष्ट्रीय मतदान दिवस 25 जनवरी को मनाया जाता है

भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस प्रत्येक वर्ष २५ जनवरी को मनाया जाता है।[1][2] विश्व में भारत जैसे सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदान को लेकर कम होते रुझान को देखते हुए राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाने लगा था। पहली बार इसे वर्ष 2011 में मनाया गया। इसके मनाए जाने के पीछे निर्वाचन आयोग का उद्देश्य था कि देश भर के सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष उन सभी पात्र मतदाताओं की पहचान की जाएगी, जिनकी उम्र एक जनवरी को 18 वर्ष हो चुकी होगी। इस सिलसिले में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज किए जाएंगे और उन्हें निर्वाचन फोटो पहचान पत्र सौंपे जाएंगे। पहचान पत्र बांटने का काम सामाजिक, शैक्षणिक व गैर-राजनीतिक व्यक्ति करेंगे। इस मौके पर मतदाताओं को एक बैज भी दिया जाएगा, जिसमें लोगो के साथ नारा अंकित होगा 'मतदाता बनने पर गर्व है, मतदान को तैयार हैं। मतदान दिवस बनाने का मुख्य कारण है कि लोगो को मतदान का महत्व बताया जाए ताकि लोग इसके प्रति जागरूक हो और सही उम्मीद वार को चुने जिससे हमारे देस का विकास एक अवरुद्ध दिसा में चल सके|भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिवस भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए अहम है। इस दिन भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने राष्ट्र के प्रत्येक चुनाव में भागीदारी की शपथ लेनी चाहिए, क्योंकि भारत के प्रत्येक व्यक्ति का वोट ही देश के भावी भविष्य की नींव रखता है। इसलिए हर एक व्यक्ति का वोट राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनता है।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "देशभर में चौथा राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया गया". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 26 जनवरी 2014. मूल से 2 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जनवरी 2014.
  2. "राष्‍ट्रीय मताधिकार दिवस- निर्वाचन प्रक्रिया में जन भागीदारी का अस्‍त्र". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 26 जनवरी 2014. मूल से 2 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जनवरी 2014.

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