गरीब महिलाओं की ऋण सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से सन् 1993 में राष्ट्रीय महिला कोष का गठन किया गया। स्वयं सहायता समूहों के द्वारा सहायता प्रदान कर महिलाओं की आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करने में इस कोष की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। [1] [2][3][4][5]

उद्देश्य

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इसमें यह घोषित किया गया कि गरीब महिलाओं को आर्थिक सहायता के साथ-साथ कई और सहायता प्राप्त होगी। इस उद्देश्य से महिलाओं की स्थिति में परिवर्तन होगा। [6][7][8]

बाहरी कड़ियाँ

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जालस्थल]

  1. http://archive.financialexpress.com/news/women-empowerment-narendra-modi-govt-may-merge-bharatiya-mahila-bank-rashtriya-mahila-kosh/1275170[मृत कड़ियाँ]
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 19 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 अप्रैल 2015.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 15 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 अप्रैल 2015.
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 1 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 अप्रैल 2015.
  5. "संग्रहीत प्रति". मूल से 11 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 अप्रैल 2015.
  6. "संग्रहीत प्रति" (PDF). मूल (PDF) से 24 दिसंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 अप्रैल 2015.
  7. http://www.amarujala.com/news/samachar/reflections/mahila-kosh-scope-will-increase/
  8. "संग्रहीत प्रति". मूल से 15 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 अप्रैल 2015.