राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबन्धन केन्द्र
राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबन्धन केन्द्र (नेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेन्ट / NCIPM) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) का अनुसंधान केन्द्र है। फरवरी 1988 में इसकी स्थापना की गयी थी, जिसका मुख्य उदेश्य था की भारत में पौध सुरक्षा के लिऎ एक अलग से केन्द्र का स्थापित करना। इस केन्द्र के कार्यक्रम विस्तार रूप से सभी केन्द्र, संस्थान, किसानो के साथ, तथा देश व किसानो के हित से जुडे हुऎ हैं!
राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन (आई.पी. एम.) एक ऐसी प्रणाली है जिसमें फसल उत्पादन एवं पादप संरक्षण सम्बन्धी उन्नत विधियों को शामिल किया जाता है जिससे नाशीजीवों (कीट रोगों, सूत्रकृमियों, खरपतवार, पक्षियों, इत्यादि) से होने वाली आर्थिक हानि को कम किया जा सके। आई. पी. एम में नाशीजीवों की निगरानी एवं मित्र कीटों/ प्राकृतिक शत्रुओं के संरक्षण को प्रमुखता दी जाती है। भारत की कृषि मे पादप सुरक्षा संबंधी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने फरवरी 1988 में राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र की स्थापना की। संस्थान की गतिविधियों का राज्य कृषि विश्वविघालयों, सरकारी एजेंसियों, औघौगिक इकाईयों, गैर सरकारी संस्थाओं और किसानो से भागीदारी करने के लिए विभिन्न दिशाओं में विस्तार किया गया है। इन सभी संस्थाओं की भागीदारी से यह केन्द्र विभिन्न पर्यावरण सहायक आई.पी.एम. अनुसंधान कार्यक्रमों को नियोजित एंव संचालित करता है जो कि टिकाऊ कृषि के लिए अत्यन्त आवश्यक है।
लक्ष्य और कार्य
संपादित करें- मुख्य फसलों के लिए समेकित नाशीजीव प्रबंधन प्रणाली (आई. पी. एम) को विकसित करना एंव बढावा देना जिससे पारिस्थितिक स्थितियों में भी उच्च एंव टिकाऊ पैदावार प्राप्त की जा सके।
- नाशीजीव प्रबंधन सम्बंधी सभी प्रकार की जानकारी का एकत्रित करना एंव राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और नीतियों हेतु परामर्श प्रदान करना।
- राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ आई. पी .एम. के क्षेत्र में सहयोगी क्रार्यक्रम बनाना एवं तालमेल स्थापित करना।
- तकनीकी परामर्श प्रदान करना।