राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस
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== राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस ==
भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस हर वर्ष 4 मार्च को मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (National Safety Day) एक महत्वपूर्ण अवसर है जो सुरक्षा और स्वास्थ्य के महत्व को याद दिलाता है और उपायों की जागरूकता पैदा करता है। 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव 1972 में शुरू किया गया था। इसे राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह में बदल दिया गया, जो एक सप्ताह के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की स्थापना 4 मार्च 1966 को हुई थी। यह परिषद राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यावरण आंदोलन को विकसित करने के लिए श्रम मंत्रालय द्वारा स्थापित की गई थी। इसे स्थापना दिवस को ही भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा गया था।[1]
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास
संपादित करेंराष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की स्थापना 4 मार्च 1966 में श्रम मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर स्थायी सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन विकसित करने के लिए की गई थी।[2] एन.एस.सी के स्थापना दिवस को ही भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा गया।भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का आयोजन पहली बार 4 मार्च 1972 को किया गया था। जिसका मुख्य उद्देशय सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए समर्थ उपायों को प्रोत्साहित करने का है।[3]
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का महत्व
संपादित करें- समाज में सुरक्षा के महत्व को जागरूक करना: राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के माध्यम से समाज को सुरक्षा के महत्व को समझाया जाता है, जो उनके और उनके परिवार के सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक है।
- सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना: यह एक अवसर है जब सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी जाती है, जैसे कि अच्छी ड्राइविंग के तरीके, सुरक्षित उपयोग की तकनीकें, आपातकालीन परिस्थितियों में प्रतिक्रिया के तरीके आदि।
- सुरक्षा के लिए कदम उठाना: यह दिन सुरक्षा के लिए समर्पित कदम उठाने के लिए प्रेरित करता है। लोग सुरक्षा नियमों का पालन करने और सुरक्षा के लिए नए और सुरक्षित तकनीकों का उपयोग करने के लिए प्रेरित होते हैं।[4]
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के उद्देश्य
संपादित करेंसुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना: राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का प्रमुख उद्देश्य सुरक्षा के महत्व को लोगों के बीच फैलाना है ताकि वे सुरक्षित और सतर्क रह सकें।
दुर्घटनाओं को कम करना: यह दिन दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए जागरूकता बढ़ाने का एक माध्यम है और लोगों को सुरक्षित रहने के लिए नए उपायों को सीखने के लिए प्रेरित करता है।
सुरक्षा के लिए सामाजिक संज्ञान बढ़ाना: राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस सामाजिक संज्ञान में सुधार के माध्यम से सुरक्षा को प्रमोट करता है और समाज को सुरक्षित रहने के लिए जागरूक करता है।
सुरक्षा कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करना: इस दिन कई सुरक्षा कार्यक्रम और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है जो सुरक्षा के प्रति जागरूकता को बढ़ाने का माध्यम बनते हैं।[5]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसंदर्भ
संपादित करें- ↑ Mamgain, Manju (4 March 2024). "National Safety Day 2024: क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस? जानें नेशनल सेफ्टी डे का इतिहास, महत्व और थीम". livehindustan.
- ↑ "India Standards Portal". www.indiastandardsportal.org. अभिगमन तिथि 2024-03-01.
- ↑ "National Safety Day/Week (4-10 March) – NSC" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-03-01.
- ↑ "राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023: तिथि, विषय, इतिहास और महत्व".
- ↑ "National Safety Day 2023: Know about its theme, history, and significance". The Economic Times. 2023-03-09. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0013-0389. अभिगमन तिथि 2024-03-01.