राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (भारत)
भारत राष्ट्रीय हरित न्याया व्यवस्था शुरू कर दुनिया में ऐसा तीसरा देश बन गया है, जहाँ पर्यावरण मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतें चलती हैं।
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश लोकेश्वरसिंह पंता(वर्तमान अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल) को न्यायाधिकरण का पहला अध्यक्ष बनाया गया है,और उन्होंने पदभार संभाल लिया है। इस न्यायाधिकरण की चार क्षेत्रीय पीठ होंगी।
न्यायाधिकरण के अस्तित्व में आने के साथ राष्ट्रीय पर्यावरण अपीली प्राधिकार अस्तित्व में नहीं रह जाएगा तथा उसके समक्ष के सारे मामले नए संस्था को स्थानांतरित कर दिया गया है।
इस न्यायाधिकरण की स्थापना राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण कानून के तहत किया गया है जिस कानून को इस वर्ष के आरंभ में संसद के द्वारा पारित किया गया था।
भारत से पहले ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ही केवल दो देश हैं, जिनके पास पर्यावरण संबंधी मसलों के निपटारे के लिए विशेष अदालत है। पिछले वर्ष अप्रैल में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के पद से अवकाश ग्रहण करने वाले पंता ने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसे पूरा करने की कोशिश करने का उनका प्रयास होगा।
इस न्यायाधिकरण में 20 सदस्य होंगे जिसमें 10 न्यायापालिका क्षेत्र के और 10 सदस्य पर्यावरण के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ होंगे। (भाषा) Vartman me eska adyaksh Adarsh Kumar goyal hai
इन्हें भी देखें
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संपादित करें- राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण
- भारत में हरित न्यायाधिकरण शुरू (वेबदुनिया)
- भोपाल में बनेगा हरित न्यायाधिकरण[मृत कड़ियाँ] (दैनिक भास्कर)