राष्‍ट्रीय सांस्‍कृतिक निधि

भारत में राष्‍ट्रीय सांस्‍कृतिक निधि (National Culture Fund) 29 मार्च 1997 से शुरू की गई। रा स निधि के गठन का मुख्‍य उद्देश्‍य सरकार, गैर सरकारी एजेंसियों, नि‍जी संस्‍थाओं, व्‍यक्तियों से भारत की प्राकृतिक विरासत तथा समृद्ध संस्‍कृति के विकास, सुरक्षा, संरक्षण व उनकी बहाली के लिए धन जुटाना तथा सार्वजनिक-निजी साझेदारी को बढ़ावा देना है। राष्‍ट्रीय सांस्‍कृति निधि का प्रबंधन तथा प्रशासन परिषद तथा कार्यपालक समिति द्वारा संचालित किया जाता है। पर्यटन तथा सांस्‍कृतिक मंत्री परिषद की अध्‍यक्षता करते हैं। परिषद में अधिकतम 24 सदस्‍य अध्‍यक्ष तथा सदस्‍य सचिव समेत हो सकते है। इसमें कॉरपोरेट सेक्‍टर, निजी फाउंडेशन तथा लाभ के बिना कार्य करने वाले संगठन जैसे विभिन्‍न क्षेत्रों के 19 प्रतिष्ठित सदस्‍यों का प्रतिनिधित रहता है। उक्‍त निधि की भारतीय संसद तथा दानदाताओं के प्रति इसकी जवाबदारी रहती है। परियोजना कार्या‍न्‍वयन समिति परियोजना का कार्य निष्‍पादन करती है। इसमें दानदाताओं, राष्‍ट्रीय सांस्‍कृतिक निधि, सिविक अधिकारी तथा जहां अपेक्षित हो भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण का प्रतिनिधित्‍व रहता है। राष्‍ट्रीय सांस्‍कृतिक निधि खाते में परियोजना के लेखे शामिल किए जाते हैं, जिसकी लेखा परीक्षा भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक द्वारा की जाती है। राष्‍ट्रीय सांस्‍कृतिक निधि के लिए दिया गया दान आयकर अधिनियम 80-जी (2) के अंतर्गत 100 प्रतिशत में कर लाभ के लिए मान्‍य है।

सूरज पोल (जैसलमेर फोर्ट); उन राष्ट्रीय धरोहरो में से है जिनके संरक्षण में राष्ट्रीय सांस्कृतिक निधि कार्यरत है

भारत सरकार, सांस्‍कृतिक मंत्रालय ने 19.50 करोड़ रूपये की समूह निधि की पूरी राशि जारी कर दी है तथा राष्‍ट्रीय सांस्‍कृतिक निधि को 19.50 करोड़ रूपये की समूह निधि दिए जाने का वादा पूरा कर लिया है। 31 मार्च 2010 को रा स निधि से सेकेंड्री संग्रह 10.90 करोड़ रूपये था।

36 परियोजनाएं, मूर्त और अमूर्त दोनों सार्वजनिक उपक्रमों/कॉरपोरेट सेक्‍टर से धन जुटाकर राष्‍ट्रीय सांस्कृतिक निधि के अंतर्गत संचालित की गई। इनमें से 10 परियोजनाएं पूरी कर ली गई हैं।

यह एक लगातार प्रक्रिया है, जिसके द्वारा सरकार राष्‍ट्रीय सांस्‍कृतिक निधि में अंशदान करने के लिए विभिन्‍न मंत्रालयों/विभागों को उत्‍साहित करती है कि वे अपने नियंत्रण के सार्वजनिक उपक्रमों/कॉरपोरेटो को अपनी कॉरपोरेट सामाजिक जिम्‍मेदारी अधिदेश निभाने के लिए प्रोत्‍साहित करे।

हाल ही में बैंगलूरू में कॉरपोरेट सेक्‍टर (खासकर भारतीय उद्योग परिसंघ) के साथ राष्‍ट्रीय सांस्‍कृतिक निधि में अंशदान करने के प्रयोजन से पब्लिसिटी अभियान चलाया गया। राष्‍ट्रीय निधि की शुरूआत से संचालित की गई प्रत्‍येक योजना पर खर्च की गई राशि का ब्‍यौरा नीचे दिया गया है।

बाहरी कड़ियाँ

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