रासील की लड़ाई
रासील का युद्ध 644 ईस्वी में रशीदुन खिलाफत और राय राजवंश के बीच हुआ था। यह दक्षिण एशिया में रशीदुन खिलाफत की प्रथम मुठभेड़ थी। लड़ाई का ठीक-ठीक स्थान ज्ञात नहीं है लेकिन इतिहासकारो का मत है की सिन्धु नदी के पश्चिम तट पर लड़ी गयी थी। इस अभियान का नेतृव ख़लीफा हजरत उमर ने सुहैल इब्न अदी को सौंपा था। सुहैल 643 ईस्वी में वसरा इराक से चलकर मकरान आये। यह क्षेत्र सदियों के लिए ससादियनों फारसियो का परम्पारिक क्षेत्र था लेकिन राय राजवंश के शासकों ने फारसियो पर आक्रमण करके विजय प्राप्त की। इनके बाद रशीदुन खिलाफत ने आक्रमण कर इस क्षेत्र को जीत लिया लेकिन जीतने के वाद इसे बहुत जल्दी ही गंवाना पड़ा था।[2]</ref>[1]
रासील की लड़ाई Battle of Rasil | |||||||||
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वर्तमान मनचित्र भूगोल अनुसार युध्द क्षेत्र का ब्यौरा. | |||||||||
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योद्धा | |||||||||
राय राजवंश | रशीदुन खिलाफत | ||||||||
सेनानायक | |||||||||
राजा रासील राय शाहसी II राय सहीरास II |
शुहैब इब्न अदी उस्मान इब्न अबू अल-अश हाकम इब्न अम्र | ||||||||
शक्ति/क्षमता | |||||||||
अज्ञात | अज्ञात | ||||||||
मृत्यु एवं हानि | |||||||||
अज्ञात | अज्ञात |