रास्ताफारी धर्म (Rastafari) एक इब्राहीमी धर्म है जो 1930 के दशक में जमैका में विकसित हुआ था।[1] यह एक अद्वितीय और समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक आंदोलन है, जिसकी जड़ें जमैका में 1930 के दशक में फैली हुई हैं। यह धर्म न केवल आध्यात्मिकता का एक रूप है, बल्कि यह काले लोगों की पहचान, संस्कृति और इतिहास को भी पुनर्जीवित करने का प्रयास करता है। यह लेख रास्ताफारी धर्म के इतिहास, विश्वासों, प्रथाओं और सामाजिक प्रभावों पर विस्तृत चर्चा करेगा।[2][3]

रस्ताफ़ारी धर्म का पालन करने वाला व्यक्ति

इतिहास और विकास

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उत्पत्ति

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रास्ताफारी धर्म का उदय उस समय हुआ जब हाइली सेलासी I को 1930 में इथियोपिया का सम्राट घोषित किया गया। इसके साथ ही, मार्कस गारवी के विचारों ने इस आंदोलन को प्रेरित किया। गारवी ने काले लोगों के लिए अफ्रीका लौटने की आवश्यकता पर जोर दिया और उन्होंने "काले लोगों की महानता" का संदेश फैलाया। उनकी सोच ने रास्ताफारी अनुयायियों को आत्म-गौरव और स्वतंत्रता की ओर प्रेरित किया।

प्रारंभिक विकास

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1930 के दशक में, जमैका में कई लोग हाइली सेलासी को भगवान मानने लगे। 1935 में, "रास्ताफारी" शब्द का उपयोग पहली बार किया गया, जिसका अर्थ है "हाइली सेलासी का राजा"। इस समय के दौरान, रास्ताफारी अनुयायियों ने अपनी पहचान बनाने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक प्रथाओं को अपनाया।

वैश्विक प्रसार

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1970 के दशक में बॉब मार्ले जैसे संगीतकारों के माध्यम से रास्ताफारी धर्म ने वैश्विक स्तर पर लोकप्रियता हासिल की। मार्ले ने अपने संगीत में रास्ताफारी के संदेशों को फैलाया, जिससे इस धर्म की पहचान बढ़ी। उनकी प्रसिद्धि ने अन्य कलाकारों को भी प्रेरित किया, जिन्होंने रास्ताफारी संस्कृति को अपने काम में शामिल किया।

मुख्य विश्वास

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ईश्वर की अवधारणा

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रास्ताफारी अनुयायी एक ही ईश्वर में विश्वास करते हैं, जिसे "जाह" कहा जाता है। वे मानते हैं कि हाइली सेलासी I ईश्वर का अवतार हैं और उन्हें बाइबिल की भविष्यवाणियों का पूरा करने वाला माना जाता है। उनके अनुसार, हाइली सेलासी ने काले लोगों के लिए मुक्ति और पहचान की प्रतीकात्मकता प्रदान की है।

जातीय पहचान

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रास्ताफारी धर्म में काले लोगों को ईश्वर के चुने हुए लोग माना जाता है। अनुयायी मानते हैं कि काले लोगों को अफ्रीका लौटने का अधिकार है, जिसे वे "जायन" मानते हैं। यह विचार न केवल आध्यात्मिकता से जुड़ा है, बल्कि यह सामाजिक न्याय और समानता की खोज का भी प्रतीक है।

पुनर्जागरण

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रास्ताफारी अनुयायी पुनर्जागरण की धारणा में विश्वास करते हैं, जिसमें वे मानते हैं कि काले लोगों का इतिहास और संस्कृति पुनर्जीवित होनी चाहिए। यह विश्वास उन्हें उनके पूर्वजों की विरासत से जोड़ता है और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करता है।

धार्मिक प्रथाएँ

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द्रेडलॉक्स

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रास्ताफारी अनुयायी अपने बालों को द्रेडलॉक्स बनाने की परंपरा का पालन करते हैं। यह न केवल एक फैशन स्टेटमेंट है, बल्कि यह उनकी आध्यात्मिकता और पहचान का प्रतीक भी है। द्रेडलॉक्स शेर के मेन के समान होते हैं, जो शक्ति और गौरव का प्रतीक माने जाते हैं।

आहार संबंधी नियम

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रास्ताफारी अनुयायी शुद्ध आहार का पालन करते हैं, जिसमें मांस का सेवन कम से कम किया जाता है। विशेष रूप से सूअर का मांस नहीं खाया जाता। उनका आहार फल, सब्जियों और अनाज पर आधारित होता है। इसके अलावा, वे प्राकृतिक खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता देते हैं और कृत्रिम तत्वों से दूर रहते हैं।

गांजा का उपयोग

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गांजा (मारिजुआना) का धूम्रपान रास्ताफारी धार्मिक अनुष्ठानों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसे आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाने के लिए एक साधन माना जाता है। अनुयायी इसे ध्यान और प्रार्थना के दौरान उपयोग करते हैं, जिससे उन्हें अपने भीतर की शांति और ज्ञान प्राप्त होता है।

रंग और प्रतीक

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प्रमुख रंग

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रास्ताफारी धर्म के प्रमुख रंग लाल, हरा और सोना हैं:

  • लाल: उन लोगों का खून जो काले समुदाय के लिए लड़ाई में मारे गए।
  • हरा: जमैका की वनस्पति और स्वतंत्रता की आशा।
  • सोना: इथियोपिया की संपत्ति।
  • काला: अफ्रीकी लोगों की पहचान।

प्रतीकात्मक शेर

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रास्ताफारी धर्म का प्रतीक शेर है, जिसे "यहूदा के विजयी शेर" कहा जाता है। यह हाइली सेलासी I का प्रतिनिधित्व करता है और शक्ति तथा साहस का प्रतीक माना जाता है।

सामाजिक संरचना

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पारिवारिक जीवन

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रास्ताफारी धर्म पारंपरिक रूप से पितृसत्तात्मक होता है। हालांकि महिलाएँ परिवार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और उन्हें रानी या साम्राज्ञी के रूप में सम्मानित किया जाता है। परिवार जीवन को बहुत महत्व दिया जाता है, जिसमें बच्चों की परवरिश पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

सामुदायिक जीवन

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रास्ताफारी अनुयायी अपने समुदायों में एकजुटता और सहयोग पर जोर देते हैं। वे सामूहिक रूप से कार्य करते हैं ताकि वे अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें और सामाजिक न्याय प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, वे अपने समुदायों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं।

निष्कर्ष

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रास्ताफारी धर्म केवल एक धार्मिक विश्वास प्रणाली नहीं है; यह जीवन जीने का एक तरीका भी है जो प्राकृतिकता, सामुदायिकता और आध्यात्मिकता पर केंद्रित है। यह एक ऐसा आंदोलन है जो न केवल व्यक्तिगत आत्मा की खोज करता है बल्कि समाज में काले लोगों की स्थिति को सुधारने के लिए भी प्रयासरत है। रास्ताफारी अनुयायी अपने विश्वासों को फैलाने और अपने समुदायों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं।इस प्रकार, रास्ताफारी धर्म आज भी विश्वभर में अपनी पहचान बनाए हुए है और इसकी शिक्षाएँ आज भी कई लोगों को प्रेरित करती हैं। यह न केवल एक धार्मिक आंदोलन बल्कि मानवता की स्वतंत्रता और समानता की खोज का प्रतीक भी बन चुका है।

  1. "Rastafari at a glance". BBC (अंग्रेज़ी में). 2 अक्टूबर 2009. मूल से 20 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 फरवरी 2016.
  2. "Faith at a Glance - Rastafari". www.policechaplaincy.uk. अभिगमन तिथि 2024-12-17.
  3. Wilson, Kevon (2021-05-28). "10 Important Lessons About Rastas That Will Blow Your Mind" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-12-17.