रिओ तिन्तो (स्पैनिश: Rio Tinto, "लाल नदी") दक्षिण-पश्चिमी स्पेन की एक नदी है जो अन्दलूसीया क्षेत्र में स्थित सिएर्रा मोरेना पहाड़ शृंखला से आरम्भ होकर कादीज़ की खाड़ी पहुंचकर अन्ध महासागर में जा मिलती है। यह नदी अपने लाल-नारंगी पानी के लिए दुनिया भर में मशहूर है।

रिओ तिन्तो का पानी लाल रंग का और तेज़ाबीय है

प्राचीनकाल से इस नदी के साथ के इलाक़े में ताम्बे, सोने, चाँदी और अन्य पदार्थों की खाने चल रही हैं।[1] ३,००० ई॰पू॰ में शुरू हुई यह खाने आइबीरियाई, तार्तेसियाई, फ़ोनीकियाई, यूनानी, रोमन, विसिगॉथ़ और मूर सभ्यताओं ने लगातार हज़ारों साल चलाई। फिर कुछ समय तक इनमें काम बंद हो गया, लेकिन १७२४ ई॰ में स्पेन की सरकार द्वारा फिर आरम्भ हो गया। इतने लम्बे अरसे की खनन से इस नदी का पानी बहुत तेज़ाब-ग्रस्त हो चुका है (कई जगहों पर इसका पी॰एच॰ २ के आसपास रहता है)। इसके पानी में इतना लोहा मिला हुआ है के इसका रंग लाल-नारंगी सा ही रहता है, जिसकी वजह से इसका नाम भी "रिओ तिन्तो" यानि "लाल" (तिन्तो) रंग की "नदी" (रिओ) पड़ा। इसमें कुछ चरमपसंदी सूक्ष्मजीव (माइक्रोब) रहते हैं जिन्हें इसका तेज़ाबीय पानी पसंद है। नदी की लालिमा बढ़ाने में कुछ हाथ इन जीवों का भी है।

रिओ तिन्तो कंपनी

संपादित करें

सन् १८७३ में इस नदी के साथ की धातुओं की खानों को चलने के लिए एक "रिओ तिन्तो कंपनी" नाम का उद्योग शुरू किया गया। तब से यह कंपनी दुनिया भर में फैल गयी और बहुत सी अन्य खानें भी चलने लगी। हालांकि अब यह रिओ तिन्तो की खाने नहीं चलती, लेकिन फिर भी अब यह विश्व की सब से बड़ी खनन कंपनियों में गिनी जाती है। भारत में भी यह कंपनी सक्रीय है और २००९ में इसे मध्य प्रदेश राज्य में ज़मीन के नीचे एक ३.७ करोड़ टन का हीरे का जमावड़ा मिला जिसके लिए इसने भारत सरकार से वहाँ एक खान शुरू करने की अनुमति मांगी।

इन्हें भी देखें

संपादित करें
  1. Bordenstein, Sarah. "Rio Tinto, Spain". Science Education Resource Center. Carleton College. मूल से 27 मई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि March 3, 2009.