रिक्की-टिक्की-टावी
"रिक्की-टिक्की-टावी" (अंग्रेजी: Rikki-Tikki-Tavi), रुडयार्ड किपलिंग की पुस्तक द जंगल बुक (1894) में संकलित एक लघुकथा है जिसमें एक बहादुर छोटे नेवले के कारनामों का वर्णन किया गया है।
कहानी का भयावह और गंभीर लहजा इसे उल्लेखनीय बनाता है। इस कहानी को कई बार जंगल बुक से अलग एक लघु पुस्तक के रूप में भी प्रकाशित किया गया है। 1975 में अमेरिकन एनिमेटर चक जोन्स द्वारा इस कहानी पर आधारित एक विशेष एनिमेटेड टीवी कार्यक्रम बनाया गया था, इसके अलावा उसी वर्ष इस कहानी पर एक रूसी एनिमेटेड लघु फिल्म का निर्माण भी किया गया था। 1979 में भारत की बाल चित्र समिति ने भारत और रूस के सहयोग से इसी नाम से हिंदी में एक बाल फिल्म का निर्माण किया था जिसका निर्देशन ये झागुर्डी और सुरेंदर सूरी ने किया था।[1]
कथानक
संपादित करेंपुस्तक एक अंग्रेज परिवार के बारे में है, जो भारत के राज्य बिहार, की सुगौली छावनी के जंगलों में स्थित एक बंगले में रहने आया है। परिवार का मुखिया लॉसिन जॉन एक छोटे नेवले को बाढ़ से बचाता है और यह परिवार उसे एक पालतू जानवर के रूप में रखने का फैसला करता है। नेवले का नाम रिक्की टिक्की टावी रखा जाता है और उसका सामना दो खतरनाक भारतीय कोबरा साँपों नाग और उसकी, उससे भी अधिक खतरनाक पत्नी नगीना से होता है जो जब बंगला खाली था तब उसके बगीचे में आराम से घूमा करते थे। कोबराओं से मुठभेड़ के बाद, रिक्की की पहली असल लड़ाई करैत नामक एक भूरे साँप से होती है, जो जॉन के बेटे टेडी को डसना चाहता है। यह साँप अपने घातक विष और छोटे आकार की वजह से, कोबरा की तुलना में कहीं अधिक खतरनाक दुश्मन होता है, पर नेवला उसे मारता है और परिवार अपने इस पालतू का आभार मानते हुये उसे “हमारा नेवला” कहता है।
रात में जब सब सो जाते हैं तब रिक्की अपने घर के आसपास टहलने के लिए बाहर चला जाता है और उसकी मुलाकात "छुछुन्द्रा" नामक छछूँदर से होती है, जो उसे बताता है कि बगीचे में रहने वाले उसके चचेरे भाई "चुआ" जो एक चूहा है, ने उसे बताया है कि नाग और नगीना कुछ खतरनाक करने की योजना बना रहे हैं। रिक्की टिक्की स्नानघर की नाली से हल्की हल्की खरोंचने की आवाजें सुनता है और जान जाता है कि यह नाग या नगीना कहीं आसपास ही हैं। वह स्नानघर से आता है और बाहर कोबराओं की फुसफुसाट सुनता है। नगीना के आग्रह पर नाग, पूरे मानव परिवार को मारने की योजना बनाता है ताकि वो एक बार फिर से खाली घर के बगीचे पर राज कर सकें। नगीना, नाग को यह भी याद दिलाती है कि जल्द ही उनके अंडे जो उसने बगीचे में दिए और छुपाये थे से बच्चे निकलने वाले हैं, (संभवतः अगले दिन ही) और उन्हें स्थान और शांति की आवश्यकता पड़ेगी। नाग परिवार के मुखिया को मारने के इरादे से स्नानघर में जाता है और वहाँ उसके आने की प्रतीक्षा करता है, लेकिन रिक्की उसका पीछा करता है और उसके फन के ऊपर काटता है, नाग गुस्से से अपने फन को जोर जोर से झटकता है जिससे रिक्की लगभग मरने को हो जाता है। यह आवाजें जॉन को नींद से उठा देती हैं और वो अपनी बंदूक से नाग पर निशाना लगाता है। गोलियों से रिक्की बाल बाल बचता है पर नाग के दो टुकड़े हो जाते हैं और उसे ऊठा कर कूड़ेदान में फैँक दिया जाता है जहां नगीना उसका मातम मनाती है और उसकी मौत का प्रतिशोध लेने का प्रण लेती है।
रिक्की, खतरे को अच्छी तरह भाँप पर, एक कम दिमाग "दर्जी" नामक दर्जिन चिड़िया, से मदद मांगता है और उससे कहता है कि वो नगीना का ध्यान बटाये ताकि वो बगीचे में उसके अंडों को ढूँढ सके, हालांकि उसकी मदद दर्जी की समझदार पत्नी करती है। रिक्की अंडों को ढूँढ कर अधिकतर अंडे नष्ट कर देता है (अंडे की परत को ऊपर से काटकर नन्हें कोबराओं को कुचल देता है), नगीना बगीचे के बरामदे में नाश्ते की मेज पर परिवार को घेरती है ("वे पत्थरों की तरह बिना हिले डुले बैठे थे और, उनके चेहरे सफेद थे") और टेडी को डसने के लिए लपकती है। दर्जी की पत्नी, रिक्की को खतरे को लेकर सतर्क करती है और रिक्की अपने मुँह में आखिरी अंडा दबाये भाग कर बरामदे में जाता है। रिक्की को देख कर नगीना विचलित होती है और इस बीच जॉन टेडी को बचा लेता है।
रिक्की टिक्की नगीना को अंतिम लड़ाई के लिए उकसाता है, नगीना और रिक्की की लड़ाई में दोनों का पलड़ा बराबर रहता है, फिर नगीना रिक्की से अंडा छीन कर अपने बिल में घुस जाती है रिक्की उसके पीछे जाता है। भूमिगत लड़ाई का वर्णन नहीं है, लेकिन एक पीड़ादायक लंबे समय के बाद, रिक्की नगीना को मार कर बिल से बाहर आता है। इस जीत के बाद कोई सांप बगीचे में घुसने की हिम्मत नहीं करता और रिक्की अपने बाकी दिन परिवार की रक्षा करते हुये बिताता है।
कहानी के नायक
संपादित करें- रिक्की-टिक्की-टावी — नेवला,
- नाग और नगीना — कोबरा सांप
- छुछुन्द्रा — छछूंदर।
- दर्जी —दर्जिन चिड़िया