रीताई (Raeti, /ˈriːtaɪ/) प्राचीन यूरोप में बसने वाली एक मानव जाति थी। यह समझा जाता है कि शायद इनकी भाषा व संस्कृति प्राचीन इटली में बसने वाले इत्रस्की लोगों से उत्पन्न हुई थी या फिर उस से अन्य गहरा सम्बन्ध रखती थी। रीताई लोग मध्य यूरोप के ऐल्प्स क्षेत्र में रहते थे और उनकी मातृभूमि आधुनिक स्विट्ज़रलैण्ड के मध्य भाग, ऑस्ट्रिया के टायरोल नामक क्षेत्र और पूर्वोत्तरी इटली में विस्तृत थी।[1]

इटली का ६०० ईसापूर्व का मानचित्र, जिसमें अनुमानित रीताई-भाषी क्षेत्र नारंगी रंग में दर्शाए गये हैं

इनका क्षेत्र फैलते हुए रोमन साम्राज्य की चपेट में आ गया और सन् १५ ईसापूर्व तक वे और उनसे उत्तर में स्थित विन्देलिसाए (Vindelici) लोग (जो एक केल्टी भाषा बोलते थे), दोनों रोम के अधीन हो गये। रोमन साम्राज्य ने इन्हें "रीतिया एत विन्देलिसिया" (Raetia et Vindelicia) नामक प्रान्त में गठित कर दिया। रीताई क़बीलों ने रोमन अधीनता स्वीकार कर ली और रोम के वफ़ादार बन गये। कई रीताई सैनिक रोमन सैन्य टुकड़ियों में सम्मिलित हो गये। उनकी भाषा लुप्त होने लगी और ३०० ईसवी के बाद उसका प्रयोग ज्ञात नहीं है। स्विट्ज़रलैण्ड क्षेत्र में बसने वाले रीताई उस से भी पहले ३० ईसवी तक अपनी भाषा खोकर केल्टी भाषा बोलने लगे थे।[2]

इन्हें भी देखें

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  1. Julius Pokorny (1959), Indogermanisches Etymologisches Wörterbuch. Publisher Bern.
  2. Strabo IV.6.9