अब्दुल्लाह ज़फ़र इब्न-ए-मुहम्म्द रुदकी (858 - 941) फ़ारसी के सबसे प्रमुख कवियों में से एक हैं।[1] इन्हें आधुनिक फ़ारसी भाषा के प्रवर्तक कवि के रूप में भी जाना जाता है। उस समय जब पारस (ईरान) पर अरबों का अधिकार हो गया था और साहित्यिक जगत में अरबी का प्रभुत्व बढ़ गया था, रुदकी ने फ़ारसी भाषा के नवोदय करवाया था। उन्होंने अरबी लिपि के नए संशोधित संस्करण में लिखना चालू किया जो बाद में फ़ारसी भाषा की लिपि बन गई।

रुदकी की मूर्ति

रुदाकी की जन्म आधुनिक ताजिकिस्तान के पंजाकॅन्त शहर के पास हुआ[1] जो उस समय फ़ारसी सांस्कृतिक क्षेत्र के अन्दर आता था। कहा जाता है कि वे जन्मजात अन्धे थे पर उनके द्वारा रंगों का इतना संजीदा चित्रण किया है कि यह विश्वास करना मुश्किल लगता है। यह जनश्रुति हिन्दी कवि सूरदास की कहानी जैसी लगती है।

  1. "Rudaki, the sultan of Poets". unesdoc.unesco.org. अभिगमन तिथि 2024-10-02.