रुदौली गाँव, बछवारा (बेगूसराय)

भारत के बिहार राज्य का एक गाँव

रुदौली बछवारा, बेगूसराय, बिहार स्थित एक गाँव है।

रुदौली
—  गाँव  —
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य बिहार
ज़िला बेगूसराय
आधिकारिक भाषा(एँ) हिन्दी, मैथिली, उर्दु, अंग्रेज़ी
आधिकारिक जालस्थल: http://begusarai.bih.nic.in

निर्देशांक: 25°09′N 85°27′E / 25.15°N 85.45°E / 25.15; 85.45

रूदौली, बिहार राज्य के बेगुसराय जिला के बछवारा प्रखंड का एक आदर्श गाँव है । यहाँ कि सबसे प्रसिद्ध यहाँ कि माँ काली का मंदिर है जो प्राचीन काल से है । गाँव के लोगों के अनुसार इस मन्दिर की बहुत मान्यता है । प्रत्येक वर्ष चैत्र मास में इस मंदिर में मेला लगता है जोकि तीन-चार दिवस तक चलता है ।

यह गाँव सबसे शांतिपूर्ण गाँव है । अगर शिक्षा की बात करें तो इस गाँव ने बड़े-बड़े अधिकारी दिए एवम् कई अभिनेता भी दिए है जो फ़िल्मी जगत में छोटे एवं बड़े परदों पर अपने अभिनय के ज़रिए कई बुलंदियाँ हासिल की है।

अगर बात यहाँ पहुँचने की करे तो , यहाँ का नज़दीकी रेल्वे स्टेशन बछवारा जंक्शन है ,जोकी लगभग 7 किमी की दूरी पर है।

रुदौली बलान(नून) नदी की गोद में बसा सुरम्य गाँव है। नदी का प्रवाह पश्चिम-पूर्व एवं उत्तर-दक्षिण है। यह प्रवाह अंग्रेजी अक्षर एल के दर्पण प्रतिबिम्ब के समरूप दिखता है। यहां की मिट्टी मुख्यतः जलोढ़ है। गाँव का उपरी हिस्से में रबी तथा खरीफ दोनों, जबकि तराई (आम भाषा में तरी) एवं चौर वाले भाग में सिर्फ रबी फसल की बोआई होती है। यहां मुख्यतः गेहूं, मक्का, धान, सरसों, आलू इत्यादि की खेती की जाती है।

जनसांख्यिकी

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रुदौली पहुँचने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन बछवारा जं. है जो लगभग सात किमी की दूरी पर है। सड़क मार्ग से गाँव का जुड़ाव निम्नलिखित है 1.बेगूसराय~तेघड़ा~कादिराबाद~रूदौली 2.दलसिंहसराय~समसा~रूदौली 3.रोसड़ा~खोदावंदपुर~रामपुर~हरिचक~कादिराबाद~ रूदौली 4.बछवारा~रूदौली 5.बरौनी~तेघड़ा~बनवारीपुर~रूदौली

आदर्श स्थल

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रुदौली गाँव हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है। आदर्श स्थल:

1.काली माता मंदिर जहाँ चैत्र मास में माँ दुर्गा की दस दिनों तक आराधना की जाती है।

2.गुरुधाम तथा

3.दो मज़ार जहाँ प्रतिवर्ष उर्स का आयोजन होता है।

यहाँ एक प्राथमिक विद्यालय है जिसे अब बिहार सरकार के द्वारा उतक्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय में उन्नयन किया गया है। अब इसमें कक्षा एक से दसवीं तक की पढ़ाई होती है। उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को शहरों का रुख़ करना पड़ता है।

बाहरी कड़ियाँ

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