रुद्र महालय
गुजरात के पाटण जिले के सिद्धपुर में स्थित एक ध्वस्त मन्दिर परिसर
रुद्रमहालय (अर्थ : रुद्र का विशाल घर) गुजरात के पाटण ज़िले के सिद्धपुर में स्थित एक ध्वस्त मन्दिर परिसर है। इसका निर्माण ९४३ ई में मूलराज ने आरम्भ कराया था तथा ११४० ई में जयसिंह सिद्धराज ने इसे पूरा कराया। इस मन्दिर को पहले अलाउद्दीन खिलजी ने तोड़ा तथा बाद में अहमद शाह प्रथम ने।[1][2][3]
रुद्र महालय | |
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Rudra Mahalaya Temple રુદ્રમહાલય | |
रुद्रमहालय के तोरण का भग्नावशेष (1874) | |
अन्य नाम | रुद्र माल |
सामान्य विवरण | |
अवस्था | खण्डहर |
वास्तुकला शैली | मारु-गुर्जर वास्तुशैली |
स्थान | सिद्धपुर, पाटण ज़िला, गुजरात |
राष्ट्र | भारत |
निर्देशांक | 23°55′09″N 72°22′45″E / 23.91917°N 72.37917°Eनिर्देशांक: 23°55′09″N 72°22′45″E / 23.91917°N 72.37917°E |
निर्माणकार्य शुरू | 943ई |
शुरुवात | 1140ई |
ध्वस्त किया गया | 1296ई व 1414ई |
प्राविधिक विवरण | |
गृहमूल | 2 |
पदनाम |
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण राष्ट्रीय महत्व का स्थापत्य (मंदिर N-GJ-164 / मस्जिद 163) |
धर्म संबंधी जानकारी | |
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सम्बद्धता | हिन्दू धर्म |
देवता | रुद्र |
वास्तु विवरण | |
निर्माता | मूलराज, जयसिंह सिद्धराज व अन्य चालुक्य राजा |
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Gujarat, Part 3," People of India: State series, Rajendra Behari Lal, Anthropological Survey of India, Popular Prakashan, 2003, ISBN 9788179911068
- ↑ "Dynamics of Development in Gujarat," Indira Hirway, S. P. Kashyap, Amita Shah, Centre for Development Alternatives, Concept Publishing Company, 2002, ISBN 9788170229681
- ↑ "India Guide Gujarat," Anjali H. Desai, Vivek Khadpekar, India Guide Publications, 2007, ISBN 9780978951702