रुना बनर्जी

भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता

रुना बनर्जी एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वे एक गैर सरकारी महिला संघ (एस॰ई॰यू॰यू॰ए॰), लखनऊ, की सह-संस्थापक भी है। यह संगठन भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के गरीब कार्य करने वाली महिलाओं के हितों को बढ़ावा देता है।[1] वे २००५ में नोबेल शांति पुरस्कार के लिए सामूहिक रूप से मनोनीत हुईं, ग्लोब की शांतिविमैन[2] में से एक थीं, जो अंततः मोहम्मद अलबारादी द्वारा जीता गया था। भारत सरकार ने सन् 2005 में भारतीय समाज में उनके योगदान के लिए भारत का चौथा उच्चतम नागरिक सम्मान पद्म श्री प्रदान किया।

रुना बनर्जी का जन्म १९५० में भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ शहर के मॉडल हाउस क्षेत्र में, एक हिंदू परिवार में हुआ था।[3]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Governing Body Members of SEWA Lucknow". SEWA Lucknow. 2016. मूल से 31 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 January 2016.
  2. "Runa Banerjee on 1000peacewomen". 1000peacewomen. 2016. मूल से 5 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 January 2016.
  3. "Women Empowerment through SEWA & Revival of the Chikankari". Lucknow Society. 2012. मूल से 6 जून 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 January 2016.