रूसी हिन्दू परिषद रूस के हिन्दू धर्मावलम्बियों की प्रतिनिधि संस्था है। इसकी स्थापना १९ दिसम्बर २०११ को की गयी थी। साधू प्रिय दास इसके वर्तमान अध्यक्ष हैं। इस संस्था का गठन रूस के टोम्स्क शहर की अदालत में भगवत गीता को एक उग्र साहित्य घोषित करते हुए प्रतिबंध लगाने की माँग के मुकदमे के चलते किया गया था। रूस में बसे करीब १५,००० भारतीय मूल के नागरिकों ने उस समय व्यक्तिगत तथा संगठनात्मक रूप से भारत की मनमोहन सिंह सरकार से हस्तक्षेप का अनुरोध किया था।[1]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 21 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 अगस्त 2014.