रेडियो श्रोता दिवस
भारत में रेडियो श्रोता दिवस मनाने की परम्परा शुरू करने का श्रेय छत्तीसगढ़ को जाता है। इस नये राज्य के रेडियो श्रोताओं ने भारत में 20 अगस्त 1921 को हुए प्रथम रेडियो प्रसारण की याद में हर साल 20 अगस्त के दिन श्रोता दिवस मनाने का जो सिलसिला 2006 से शुरू किया है जो कि तब से लगातार जारी है। श्रोताओं के विभिन्न संगठनों द्वारा तालमेल से इसका आयोजन किया जाता रहा है । प्रथम रेडियो प्रसारण के 100 वर्ष पुरे होने पर अर्थात स्वर्ण जयन्ती पर क्लासिक रेडियो श्रोता संघ बकानी खुर्द के तत्वाधान में 20 अगस्त 2021 को भवानी मण्डी(राजस्थान )में श्रोता मिलन समारोह मनाया गया जिसमे राजस्थान और मध्यप्रदेश के श्रोताओं ने भाग लिया देश के अनेकों शहरो में इसका आयोजन होने की कड़ी में 2022 में सन्निहित रेडियो लिस्नर्स क्लब हरियाणा के तत्वाधान में इसका आयोजन करनाल में किया गया था जिसका प्रभार वरिष्ठ रेडियो श्रोता बिजेंद्र कुमार जयजान और अध्यक्षता ज्ञानभूषण शर्मा की रही थी, उसके अगले साल 2023 में सन्निहित रेडियो लिस्नर्स क्लब द्वारा ही पंजाब के पटियाला में इसका सफल आयोजन किया गया था जिसका प्रभार वरिष्ठ रेडियो श्रोता अशोक ग्रोवर और अध्यक्ष वरिष्ठ श्रोता मुकेश बत्ता थे। 2024 का आयोजन महाराष्ट्र के बुलढाणा में नरेंद्र नरवाडे की अध्यक्षता में 24 व 25 अगस्त को मनाया गया था। अगला रेडियो श्रोता सम्मेलन सन्निहित रेडियो लिस्नर्स क्लब के तत्वाधान में उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में मनाया जाएगा, जिसकी घोषणा अखिल भारतीय रेडियो श्रोता सम्मेलन आयोजन समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने की हुई है।[1]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 12 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 सितंबर 2014.