अर्थशास्त्र में रोकड़ या नकदी मुद्रा के भौतिक रूप में धन को कहते है, जैसे बैंक के नोट और सिक्केबही-खाता और वित्त में रोकड़ चालू परिसंपत्‍ति है जिसमें मुद्रा या मुद्रा समकक्ष शामिल होते हैं जिन्हें तुरंत उपयोग किया जा सकता हैं। नकदीविहीन समाज अवधारणा है जहाँ नकदी का प्रयोग शून्य या न्यूनतम हो।