रोजवुड शब्द से अनेक बहुरंगी लकड़ियों के प्रकारों या तत्संबंधित वृक्षों का बोध होता है। ये भूरापन लिए हुए तथा गहरे रंग की नलिकीय संरचनाओं से युक्त होते हैं, तथा अनेक रंगों में पाये जाते हैं। सभी रोजवुड दृढ तथा भारी होते हैं, तथा उत्कृष्ट रूप से पॉलिश किए जा सकते हैं, अतः फर्श बनाने, उपस्कर (फर्नीचर), वुडटर्निंग, वाद्ययंत्रों, बिलियर्ड क्यू, शतरंज के मोहरों (काले रंग के) आदि को बनाने के लिए उपयुक्त होते हैं। सामान्यतः अतिदोहन के कारण इनकी आपूर्ति बहुत कम हो गई है। इसमें आने वाली कुछ जातियाँ 30 मी. तक ऊँचे किरीटयुक्त (कैनोपी वाले) पौधे होती हैं, तथा व्यापार में इससे बड़े खंड भी पाये जा सकते हैं।

जॉन पेरिस का रोजवुड का एक स्नूकर क्यू

सत्य रोजवुड

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सभी वास्तविक रोजवुड, वंश डालबर्जिया के अंतर्गत आती हैं। पश्चिमी संसार में सर्वाधिक प्रशंसित रोजवुड डालबर्जिया निग्रा (ब्राजीली रोजवुड) है, जो कि अब साइट्स (CITES) द्वारा खतरे में पड़ी जातियों में सूचीबद्ध है। इस लकड़ी में तीव्र मीठी गंध आती है, जो वर्षों तक रहती है, जिससे इसका नाम रोजवुड (अंग्रेजी: Rosewood - गुलाब जैसी काष्ठ) सार्थक होता है।