रोमुलो गालेगास (Rómulo Ángel del Monte Carmelo Gallegos Freire ; 2 अगस्त 1884 – 7 अप्रैल 1969) वेनेजुएला के उपन्यासकार एवं राजनेता थे। १९४८ में ९ माह की अल्पावधि के लिये वे वेनेजुएला के प्रथम राष्ट्रपति थे जिसे बिना भ्रष्टाचार के चुना गया था।

इनका जन्म १८८४ ई. में हुआ था। इनके उपन्यासों में हमें उनके देश बेनिज़ुएला के ग्रामीण जीवन का बड़ा ही रोचक और यथार्थ चित्र मिलता है। वहाँ के सामाजिक जीवन की विशेषताओं के साथ ही साथ ये प्राकृतिक वातावरण को भी सजीव रूप में प्रस्तुत करते हैं। पाठक उपन्यास के कुछ चरित्रों और उनकी कहानी से ही परिचित नहीं होता बल्कि उसे बेनिज़ुएला देश एवं वहाँ के सामाजिक जीवन की पूरी झाँकी मिल जाती है।

रोमुलो गालेगास के उपन्यासों की एक और विशेषता है। उनमें हमें सभ्यता और बर्बरता के बीच मच रहे संघर्ष का भी चित्र मिलता है। आधुनिकता के व्यापक प्रभाव के कारण किस प्रकार जीवन के पुराने तौर बदल रहे हैं और नवीन मूल्यों की स्वीकृति कितने तीव्र विरोध के बाद हो पाती है यह उनके उपन्यासों मे बड़े ही मार्मिक ढंग से दिखाया गया है। प्रारंभिक रचनाओं में मनोवैज्ञानिक दृष्टि से असाधारण चरित्रों के अध्ययन में इनकी विशेष रूचि का आभास मिलता है लेकिन बाद की रचनाओं में जीवन को यथार्थ रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास है। दोना बारबरा (Dona Barbara), जो सन् १९२९ में मैट्रिड से प्रकाशित हुआ, इन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई। इनकी अन्य मुख्य रचनाएँ इस प्रकार हैं : ‘ला त्रेपदोरा’ (La Trepadora ; १९२५); ‘कैंटाक्लैरो’ (Cantaclaro १९४१); पोबर नीग्रो (Pobre Negro ; १९३७)।