रोला एक छन्द है। यह एक सम मात्रिक छंद है। इसमें 24 मात्राएँ होती हैं, अर्थात विषम चरणों में 11-11 मात्राएँ और सम चरणों में 13-13 मात्राएँ। 11वीं व 13 वीं मात्राओं पर यति अर्थात विराम होता है। यति से पूर्व 21 अर्थात् गुरु व लघु तथा अंत में 12 अर्थात् लघु गुरु रखने से सुन्दर लय आती है।

जीती जाती हुई जिन्होंने भारत बाजी । निज बल से बल मेट विधर्मी मुगल कुराजी ।। जिनके आगे ठहर सके जंगी न जहाजी । है, ये वही प्रसिद्ध छत्रपति भूप शिवाजी ।। उदाहरण

नीलाम्बर परिधान हरित पट पर सुन्दर है।
२२११ ११२१=११ / १११ ११ ११ २११२ = १३
सूर्य-चन्द्र युग-मुकुट, मेखला रत्नाकर है।
२१२१ ११ १११=११ / २१२ २२११२ = १३
नदियाँ प्रेम-प्रवाह, फूल तारा-मंडल है।
११२ २१ १२१=११ / २१ २२ २११२ = १३
बंदीजन खगवृन्द, शेष-फन सिंहासन है।
२२११ ११२१ =११ / २१११ २२११२ = १३ - मैथिलीशरण गुप्त

✍ Chirag_Lodhi Govt. Exe. Hr. Sec. School Gairatganj dist. Raisen (mp)

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