लक्षण (रोग के)
चिकित्साविज्ञान के सन्दर्भ में लक्षण (symptom) से तात्पर्य किसी रोगी को होने वाले असामान्य अनुभवों से है। ऐसे लक्षण किसी रोग के सूचक होते हैं। उदाहरण के लिए, थकान, खाँसी, बार-बार पेशाब का आना आदि किछ लक्षण हैं। लक्षण, रोग के संकेत (medical sign) से अलग होते हैं। संकेत उनको कहते हैं जो किसी डॉक्टर या परीक्षक द्वारा पहचाने जाते हैं या यन्त्रों से पहचाने जाते हैं। उदाहरण के लिए, अंगुलियों में तरह-तरह की संवेदना (paresthesia) एक लक्षण है और केवल रोगी को ही उसका अनुभव हो पाता है। इसके विपरीत त्वग्रक्तिमा (erythema), रोग का एक संकेत है क्योंकि कोई भी व्य्क्ति त्वचा को देखकर कह सकता है कि त्वचा सामान्य अवस्था की अपेक्षा अधिक लाल हो गयी है। लक्षण और संकेत किसी एक ही रोग से जुड़े नहीं होते किन्तु लक्षण और संकेत दोनों के सम्मिलन द्वारा प्रायः रोगों का निदान हो जाता है।
लक्षण शब्द का उपयोग सामान्य अर्थ में भी होता है, जैसे- 'गर्भधारण के लक्षण'। बहुत से लोग लक्षण के स्थान पर संकेत का, और संकेत के स्थान पर लक्षण का भी प्रयोग करते हैं।