लक्ष्मीकुट्टी
लक्ष्मीकुट्टी ( मलयालम: ലക്ഷ്മിക്കുട്ടി , जन्म 1943) भारतीय राज्य केरल के तिरुवनंतपुरम में कलार जंगलों में रहने वाली एक आदिवासी महिला हैं जिन्हें पारम्परिक दवाइयों के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए भारत के चौथे सर्वोच्च सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया।[1] लक्ष्मीकुट्टी पारम्परिक दवाइयों पर काम करने वाली प्रसिद्ध विषारोग्यसाधक हैं। उन्हें केरल सरकार की तरफ से १९९५ में नाट्टु वैद्य रत्न पुरस्कार भी मिला था। वो पारम्परिक दवाइयों पर पिछले ५० वर्ष से काम कर रही हैं।[2]
लक्ष्मीकुट्टी | |
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जन्म |
1943 कल्लार, तिरुवनन्तपुरम, केरल, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
नागरिकता | भारतीय |
पुरस्कार | पद्मश्री 2018 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ ANI. "Meet Padma Shri awardee Lakshmikutty, a 75-yr-old poison healer from Kerala | Business Standard News". Business-standard.com. मूल से 22 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-01-29.
- ↑ "Modi hails herbal healer Lakshmikutty". The Hindu. 2017-06-20. अभिगमन तिथि 2018-01-29.