लान्तनौमापुक
लान्तनौमापुक (आइसलैण्डी 'Landnámabók' का सही आइसलैण्डी उच्चारण) या लैन्डनामाबोक (अंग्रेज़ी विकृत उच्चारण), जिसे संक्षिप्त रूप से लान्तनौमा (Landnáma) भी कहते हैं, यूरोप के वाइकिंग युग के दौरान 9वीं और 10वीं सदी ईसवी में आइसलैंड में नॉर्स लोगों के आकर बस जाने का ऐतिहासिक वृत्तांत है। यह मध्यकालीन आइसलैण्डी भाषा में लिखा हुआ है।[1]
विवरण
संपादित करेंलान्तनौमा पाँच भागों और 100 से अधिक अध्यायों में बंटा हुआ है। इसके पहले हिस्से में आइसलैंड के पाए जाने और यहाँ बसने वाले पहले लोगों की कहानी है, लेकिन बाद के भागों में पश्चिम से शुरू होकर दक्षिण तक बसने वालों की गिनती की गई है। 12वीं सदी तक बीतने वाली बहुत सी महत्वपूर्ण घटनाओं और पारिवारिक इतिहासों का भी वर्णन है। कुल मिलाकर 3,000 लोग और 1,400 बस्तियों का बखान किया गया है। यहाँ बसने वाले हर व्यक्ति के बारे में लिखा है कि वह कहाँ बसा और उसके आगे कौनसे वंशज हुए। कभी-कभी लोगों और जगहों के बारे में छोटी-छोटी कहानियाँ भी दी गई हैं। लान्तनौमा के अनुसार शुरू में 435 पुरुष यहाँ आकर बसे थे, जिनमें से अधिकतर द्वीप के उत्तरी और दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्रों में रहने लगे। लान्तनौमापुक को किसने लिखा इस बात को लेकर मतभेद है। कुछ के अनुसार यह एक लेखक का काम है जबकि अन्य का मानना है कि उस काल में हुई सभाओं में सुनाए गए वर्णनों से इसे जोड़-जोड़कर बनाया गया।[2]
विभिन्न संस्करण
संपादित करेंआइसलैंड में नॉर्स लोग यूरोप के वाइकिंग काल के दौरान 870 ईसवी से 930 ईसवी के बीच आकर बसे थे। लान्तनौमापुक में उस काल से कहीं बाद के वंशजों के नाम दर्ज हैं इसलिए यह वृत्तान्त उस काल के बाद 11वीं सदी के आसपास ही पूरा हुआ लगता है। वर्तमान में लान्तनौमापुक के जो संस्करण बचे हैं वे 13वीं सदी के दूसरे अर्ध के बाद के हैं, हालांकि कुछ इतिहासकारों का मत है कि इन्हें पूर्व रूप में 1068-1148 में जीने वाले आरी थ़ोरगिल्सन (Ari Þorgilsson) ने लिखा था। इस ग्रन्थ के पांच मध्यकालीन रूप मिलते हैं:
- स्तुरलुपुक (Sturlubók) - स्तुरला थ़ोरदारसन (Sturla Þórðarson) द्वारा कृत।
- हाउक्सपुक (Hauksbók) - हाउक्र एरलेंदसन (Haukr Erlendsson) द्वारा कृत - यह 'स्तुरलुपुक' और स्तिरमिर कौरासन (Styrmir Kárason) द्वारा लिखित रूपों पर आधारित है। स्तिरमिर कौरासन का संस्करण हमेशा के लिए खोया जा चुका है।
- मेलापुक (Melabók)
- स्कार्दसौरपुक (Skarðsárbók)
- थ़ोरदारपुक (Þórðarbók)
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Exploration: New Lands, New Worlds, Michael Allaby, Richard Garratt, pp. 61, Infobase Publishing, 2010, ISBN 978-1-4381-3161-0, ... The Landnámabók (Book of the Settlements), written in Iceland in about 1125, recounts the establishment of Norse settlements in Iceland and it also describes the Norse settlers who went to live in Greenland between about 985 and 1000 c.e. ...
- ↑ The Book of Settlements: Landnámabók, Hermann Pálsson, Paul Edwards, University of Manitoba Press, 2007, ISBN 978-0-88755-698-2, ... This world was vividly recounted in The Book of Settlements, first compiled by the first Icelandic historians in the thirteenth century. It describes in detail individuals' daily life during the Icelandic Age of Settlement ...