लार्सन एंड टूब्रो
लार्सन एंड टूब्रो (Larsen & Toubro (L&T) (NSE: LT, BSE: 500510)) भारत की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है। इसका मुख्यालय मुम्बई में है। यह विश्व के अनेक देशों में कार्यरत है तथा इसके कार्यालय एवं कारखाने पूरे विश्व में फैले हुए हैं। कंपनी के चार मुख्य व्यापारिक क्षेत्र हैं: प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी, निर्माण और उत्पादन | कंपनी की लगभग २५ देशों में ६० से अधिक इकाइयां हैं |[2]
आई.एस.आई.एन | USY5217N1183 |
---|---|
उद्योग | संगुटिका |
स्थापित | चेन्नई 1938[1] |
स्थापक | हैनिंग होल्क लार्सन |
भाग्य | सक्रिय |
मुख्यालय | , |
वेबसाइट | http://www.larsentoubro.com |
इतिहास
संपादित करेंकंपनी की स्थापना १९३८ में मुंबई में दो डेनिश अभियंता, हैनिंग होल्च लार्सन एवं सोरेन क्रिस्टियन टुब्रो, द्वारा की गयी थी। शुरुआती दौर में इस कंपनी ने डेनमार्क के दुग्ध उपकरणो के निर्माताओं के प्रतिनिधि के रूप मे कार्य प्रारंभ किया। परंतु १९३९ में द्वितिय विश्व युद्ध के प्रारंभ होने व आयात पर प्रतिबंध लगने पर दोनों भागीदारों ने एक छोटी कार्यशाला शुरू की। युद्ध समय में जहजों की मरम्मत की मांग ने एल एण्ड टी को एक नया अवसर दिया।
परिचालन प्रभाग
संपादित करेंअभियांत्रिकी और निर्माण परियोजना
संपादित करेंइमारतें और कारखाने
संपादित करेंL&T के भवन और कारखाने (B&F) व्यवसाय वाणिज्यिक भवनों और हवाई अड्डों, आवासीय भवनों और कारखानों जैसी निर्माण परियोजनाओं का कार्य करते हैं।[3] इसके ट्रैक रिकॉर्ड में 400 ऊंचे टावर, 11 हवाई अड्डे, 53 आईटी पार्क, 17 ऑटोमोबाइल प्लांट, 28 सीमेंट प्लांट और 45 अस्पताल शामिल हैं।[4] एल एंड टी ने राम मंदिर, अयोध्या के डिजाइन और निर्माण की नि:शुल्क देखरेख करने की पेशकश की और परियोजना के ठेकेदार हैं। [5][6]
एल एंड टी पॉवर
संपादित करेंएल एंड टी ने कोयला आधारित, गैस आधारित और परमाणु बिजली परियोजनाओं में अवसरों पर केंद्रित एक अलग संगठन की स्थापना की है। यह प्रभाग उपयोगिता बिजली संयंत्र, सह उत्पादन और कैप्टिव बिजली संयंत्रों की स्थापना के लिये समाधान प्रदान करता है। एल एंड टी ने मित्सुबिशी भारी उद्योग, जापान के साथ मिलकर सुपर क्रिटिकल वाष्पक एवं वाष्प टरबाइन जनरेटर के निर्माण के लिए दो संयुक्त उपक्रम बनाये हैं।
भारी अभियांत्रिकी
संपादित करेंएल एंड टी को विश्व की श्रेष्ठ ५ फेब्रिकेशन कंपनियों में से एक माना जाता है। भारी अभियांत्रिकी प्रभाग मुख्य क्षेत्र के उद्योगों एवं रक्षा क्षेत्र के लिए विशेष रूप से रचित महत्वपूर्ण उपकरणों एवं प्रणालियों का उत्पादन एवं आपूर्ति का कार्य सम्पादित करता है।
एल एंड टी के पास एक डाक (शिपयार्ड) है, जिसमे १५० मीटर लम्बे एवं २०००० टन तक विस्थापन वाले जलपोतों का निर्माण किया जा सकता है | यह डाक हजीरा स्थित भारी अभियांत्रिकी काम्प्लेक्स में है।
निर्माण
संपादित करेंनिर्माण प्रभाग एल एंड टी के व्यापार का एक बड़ा हिस्सा योगदान करता है। इस समय एल एंड टी भारत की सबसे बड़ी निर्माण कंपनियों में से एक है। एल एंड टी निर्माण के विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद है जैसे - सिविल, यांत्रिकी, इलेक्ट्रिकल एवं इंस्ट्रुमेंटेशन।
एल एंड टी ने मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया, रूस, सीआईएस, मॉरीशस, अफ्रीका और सार्क देशों में निर्माण व्यापार पर अपना ध्यान केन्द्रित किया है।
इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रोनिक्स
संपादित करेंएल एंड टी इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रोनिक उत्पादों एवं प्रणालियों की विस्तृत श्रृंखला के अंतर्राष्ट्रीय उत्पादक हैं। एल एंड टी औद्योगिक क्षेत्र जैसे ऊर्जा, रिफायनरी, पेट्रो रसायन एवं सीमेंट, के लिए विशेष रूप से रचित स्विचगियर का उत्पादन करती है। इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में, एल एंड टी मीटरों की श्रृंखला एवं उद्योगों के लिए नियंत्रण और स्वचालन प्रणाली प्रदान करती है।
सूचना प्रौद्योगिकी
संपादित करेंएल एंड टी इन्फोटेक मर्यादित, एल एंड टी की पूर्ण स्वामित सहायक कंपनी, विनिर्माण, वित्त और संचार एवं एम्बेडेड प्रणालियों पर केन्द्रित सॉफ्टवेयर समाधान और सेवाएँ उपलब्ध कराती है| शेवरॉन कॉर्पोरेशन, एल जी, सैमसंग, हिताची, लाफार्ज, जॉन्सन एंड जॉन्सन, सिटी समूह, क्वालकॉम जैसे औद्योगिक समूह एल एंड टी के ग्राहक हैं।
मशीनरी एवं औद्योगिकी उत्पाद
संपादित करेंएल एंड टी गंभीर निर्माण कार्यों एवं माइनिंग उपकरणों जैसे सर्फेस माइनर, द्रवचालित खुदाई यन्त्र आदि का निर्माण, विक्रय एवं सेवा मुहैया कराती है। इसके अलावा एल एंड टी रबर प्रसंस्करण मशीनरी एवं औद्योगिक वाल्वों की विस्तृत श्रृखंला का निर्माण एवं विपणन करती है।
एलएंडटी मेट्रो रेल हैदराबाद लिमिटेड के बारे में
संपादित करेंलार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड को आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा हैदराबाद मेट्रो रेल परियोजना से सम्मानित किया गया था। एलएंडटी ने एक विशेष प्रयोजन वाहन - एलएंडटी मेट्रो रेल (हैदराबाद) लिमिटेड ("कंपनी") को डिजाइन, निर्मित, वित्त संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) आधार पर परियोजना को लागू करने के लिए शामिल किया।
कंपनी ने 4 सितंबर 2010 को आंध्र प्रदेश सरकार के साथ रियायत समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं[7] और 1 मार्च 2011 को रिकॉर्ड छह महीने में परियोजना के लिए वित्तीय समापन पूरा कर लिया है। भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में 10 बैंकों के एक संघ ने परियोजना की संपूर्ण ऋण आवश्यकता को मंजूरी दे दी है। यह एक गैर-बिजली अवसंरचना पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) परियोजना के लिए भारत में सबसे बड़ा फंड टाई-अप है।
कंपनी एलएंडटी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की सहायक कंपनी है, जो कि टुब्रो लिमिटेड के लार्सन की बुनियादी ढांचा विकास शाखा है।
कंपनी 18.6 मिलियन s.ft विकसित करेगी। ट्रांसिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) और हैदराबाद शहर के आसपास और आसपास मजबूत आर्थिक गतिविधि को ट्रिगर करने की उम्मीद है और इससे पर्याप्त रोजगार उत्पन्न होगा।
संयुक्त उपक्रम
संपादित करें- एल एंड टी वाल्डेल अभियांत्रिकी मर्यादित
- एल एंड टी विशेष स्टील एवं फोर्जिंग निजी मर्यादित
- पटेल - एल एंड टी कंसोर्टियम
- अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह निकर्षण मर्यादित (ISDL)
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ ROR Data, 16 फ़रवरी 2023, डीओआइ:10.5281/ZENODO.7644942, Wikidata Q116976023
- ↑ "Larsen and Toubro sells EWAC Alloys for Rs 522 cr to UK's ESAB". The Financial Express (अंग्रेज़ी में). 2017-10-12. मूल से 11 जुलाई 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-07-17.
- ↑ "LNTECC". www.lntecc.com. मूल से 4 सितंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 August 2020.
- ↑ "LNTECC". www.lntecc.com. मूल से 4 सितंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 August 2020.
- ↑ "L&T to oversee the construction of Ram temple: Vishwa Hindu Parishad". Business Standard. 3 March 2020. अभिगमन तिथि 6 August 2020.
- ↑ Bajpai, Namita (29 February 2020). "L&T ready to construct Ram temple in Ayodhya for free, say VHP leaders". The New Indian Express. अभिगमन तिथि 6 August 2020.
- ↑ "2010 concession agreement" (PDF).
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- लार्सन एंड टर्बो का जालघर
- L&T properties
- Land allegation against south city
- Land manipulation by L&T ECC
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |