लाला राजा रतन चन्द्र मुग़ल शासक फर्रुख़ सियर के दीवान (१७१३-१७१९) थे। १७१२ में इन्हें राजा की उपाधि मिली।[1]

लाल राजा रतन चन्द्र का जन्म सुप्रसिद्ध बरनवाल जाति में सन् 1665 में हुआ था। इनके पिता लाला जयलाल सिंह गोयल आढ़त के बड़े व्यापारी थे। रतन चन्द पिता के साथ काम करते थे। वह बहुत कुशाग्रबुद्धि और हिसाब किताब में माहिर थे। उनकी यह ख्याति सुनकर सैयद बंधुओं ने उन्हें अपना खज़ांची नियुक्त कर लिया।[2][3]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. History of Origin of Some Clans in India, Mangal Sen Jindal, Pub. Sarup and Sons, 1992
  2. A Sketch of the History of Hindustán from the First Muslim Conquest to the Fall of the Mughol Empire by Henry George Keene (1826–1915)|Henry George Keene, published by W. H. Allen & Co., 1885
  3. Dr. Dev Prakash Gupta in “Raja Ratan Chand ka Jeevan Charitya”