खगोलशास्त्र में लाल बौना या रॅड ड्वार्फ़ मुख्य अनुक्रम के एक छोटे और सूर्य की तुलना में ठन्डे, तारे को बोला जाता है जो "K" या "M" की श्रेणी का तारा होता है। इन तारों का रंग हमारे सूरज की तुलना में अधिक लाल होता है जिसकी वजह से इन्हें लाल बौना कहा जाता है। ब्रह्माण्ड में अधिकतर तारे इसी श्रेणी के हैं। इनका सतही तापमान ४,०००° कैल्विन के आसपास होता है। अकार में यह सूर्य के ५०% से लेकर ७.५% तक के होते हैं। इस से भी अगर छोटे हो तो सही अर्थ में तारा बन नहीं पाते और उसके बजाए भूरा बौना बन जाते हैं।[1]

ब्रह्माण्ड में अधिकतर तारे लाल बौने ही हैं - यह लाल बौने का चित्र एक चित्रकार ने अपनी कल्पना से बनाया है

पृथ्वी के निकट लगभग 20 से 30 रेड ड्वार्फ तारे स्थित हैं, और उनमें से “प्रॉक्सिमा सेंटॉरी” सबसे नजदीक है। [2]

इन्हें भी देखें

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  1. Exoplanets near red dwarfs suggest another Earth nearer Archived 2016-03-11 at the वेबैक मशीन, 6 February 2013, Jason Palmer, BBC, retrieved at 11 April 2013
  2. "क्या होते हैं रेड ड्वार्फ तारे? क्यों हैं ये खास?". Vigyanam (विज्ञानम्).