लाल मिट्टी
लाल मिट्टी (Red soil) लाल, पीली एवं चाकलेटी रंग की होती है। शुष्क और तर जलवायु में प्राचीन रवेदार और परिवर्तित चट्टानों के टुटने-फुटने से बनती है और यह मिट्टी पानी के संपर्क में आने से हल्की-हल्की पीली दिखती है इस मिट्टी में लोहा, ऐल्युमिनियम और चूना अधिक होता है। यह मिट्टी अत्यन्त रन्ध्रयुक्त होती है। इस मिट्टी में बाजरा की फसल अच्छी पैदा होती है, किन्तु गहरे लाल रंग की मिट्टी कपास, गेहूँ, दाल, मोटे अनाज, के लिए उपयुक्त है।
भारत में यह मिट्टी उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड से लेकर दक्षिण के प्रायद्वीप तक पायी जाती है। यह मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिमी बंगाल, मेघालय, नागालैण्ड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु तथा महाराष्ट्र में मिलती है। छत्तीसगढ़ में लाल-पीली मिट्टी को स्थानीय रूप से "मटासी मिट्टी" के नाम से जाना जाता है, इसका विस्तार राज्य के लगभग साठ प्रतिशत भूभाग पर है।[1]छत्तीसगढ़़ में यह रायपुर बिलासपुर सरगुजा संभाग में पाया जाता है ।
लाल पीली मिट्टी में लाल रंग फेरस आक्साइड के कारण दिखाई देता है और पीला रंग फेेेरिक आक्साइड के कारण दिखाई देता है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ संजय त्रिपाठी (2010*). छत्तीसगढ़ बृहद सन्दर्भ. उपकार प्रकाशन. पपृ॰ 56–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7482-904-7.
|date=
में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |