ला मोता का महल (स्पेनिश भाषा Castillo de La Mota) एक बहुचर्चित मध्यकालीन क़िला है। इस क़िले का पुनर्निर्माण किया गिया हैै। यह स्पेन के वलादोलीद प्रान्त के मदीना देल केम्पो (Medina del Campo) शहर में स्थित हैै जो कि स्पेन के वल्लादोलीद प्रान्त (province of Valladolid) में है। इस क़िले का यह नाम "मोता" यानी ऊँचाई है क्योंकि यह पहाड़ की ऊँचाई पर स्थित है। इस क़िले की ख़ास बात यह है कि इस लगकर आगे दीवारें ही दीवारें शहर में छाई हुई हैं।

महल का द्रिश
एक तरफ से द्रिश

1904 में यह किला सरकार की समरक्षण में आया और तभी से इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया था।[1] मुख्य महल का निर्माण बीस्वीं सदी में हुई थी। पुनः निर्माण के काम को फ़लांगे की फ़्राँसिस्को फ़्रान्को सरकार द्वारा पूरा किया गया था जिसे कैथलिक राजशाही की इमारतों से लगाव था।

संक्षिप्त जानकारी

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इस किले की मुख्य विशेषता और आकार ऐसा है कि उसे युद्ध-दुर्ग के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है। अन्दर का महल एक त्रिकोण योजना का संकेत देता है। इसके चार टावर मौजूद हैं। महल का खुला हिस्सा काफ़ी बड़ा है। इस महल में एक देख-रेख टावर मौजूद है। इसके अतिरिक्त एक ढकी छुपी दिवार है जिसे युद्ध के समय तीर चलाने और छिपकर वार करने के काम में लाया जाता था।

यह महल पहले एक पुल के माध्यम से जुड़ा हुआ था। इस पुल का निर्माण लाल से ईंट से हुआ था और कुछ विशेष कारणों से इसके अतिरिक्त केवल पत्थर का प्रयोग किया गया था।

शुरू में यह एक गाँव की चारदीवारी थी। लेकिन बाद में मुस्लिम हमलों के डर के चलते हुए 1080 में यहाँ पर एक भव्य क़िले का निर्माण प्रारंभ किया गया। इसके साथ ही आसपास एक गाँव बसने लगा। 1354 में त्रस्तमरा के हेनरी (Henry of Trastamara) ने शक्तिपूर्वक इस महल को अपने क़ब्ज़े में किया था। 1390 में कास्तिले के समराट जॉन प्रथम (King John I of Castile) ने इस महल को अपने बेटे अन्टेक्वेरा के इन्फ़न्ट फ़रडिनन्ड (infante Ferdinand of Antequera) को यह महल हवाले किया जिसे बाद में आरागोन (Aragon) का समराट बनाया गया था। 1416 में अन्टेक्वेरा के इन्फ़न्ट फ़रडिनन्ड की मृत्यु के पश्चात के पुत्र आरागोन के जॉन द्वितीय (John II of Aragon) ने 1433 में स्थानीय लोगों पर एक विशेष कर लगाया ताकि ला मोता के महल की मरम्मत की जा सके। अगले सौ वर्षों के काल में मोता के महल पर कभी कास्तिले (Castile) के राजाओं का अधिकार रहा तो कभी आरागोन (Aragon) के राजाओं का। कभी-कभी तो ला मोता का महल और इससे लगे नगर पर भी दो विरोधी पक्षों का अधिकार रहा है। मिसाल के तौर पर 1439 में आरागोन के राजकुमार ने शहर के द्वारों को बन्द कर दिया जिससे कास्तिले समराट महल में क़ैद हो गए थे। इसके विपरीत 1441 में कास्तिले समराट के समक्ष 250 आरागोन के सैनिकों महल ही में अत्म-समर्पण कर दिया था।

1445 की ओलमेडो की पहली युद्ध (First Battle of Olmedo) के परिणाम स्वारूप ला मोता का महल हमेशा के लिए कास्तिले राजशाही का हिस्सा बन गया। 1460 कास्तिले शासक हेनरी चौथे (King Henry IV of Castile) ने एक केन्द्रीय टावर का निर्माण किया था। 1464 में हेनरी ने ला मोता के महल को टोलेडो की आर्चबिशप (Archbishop of Toledo) के हवाके किया था। अलोन्सो कॅरिल्लो (Alonso Carrillo) ने जल्द ही अपने राजा से ग़द्दारी की और पुर्तुगाल के अफ़ोन्सो पाँचवें (Afonso V of Portugal) के प्रतिद्व्ंदी दावे का खुलकर समरथन किया। शक्तिपूर्वक कास्तिले को लिए जाने के बाद 1467 में यह महल राजा अफ़ोन्सो के हाथों चला गया जबकि गाँव वालो ने हेनरी का साथ दिया था।

बाद के समय में इस महल पर कास्तिले को लेकर राजकुमारी ईसाबेल्ला (Isabella of Castile) और उसके अस्पष्ट माँ-बाप रखने वाली रिश्तों की बहन राजकुमारी जुआना ला बेलत्रानेजा (Juana la Beltraneja) के विपरीत दावों से विवाद छिड़ गया था।

कई मालिकों के हाथों से गुज़रने के पश्चात 1475 में कास्तिले राज्य ने ला मोता के महल को अपने राज्य से जोड़ दिया था। इसके साथ यहाँ युद्ध हथियार बनाने का प्रबंध किया गया और स्थल के प्रवेश द्वार पर कैथलिक शासक फ़रडिनन्ड, ईसाबे की प्रतिमा वाले शील्ड लगाए गए।

बदलते ज़माने के साथ-साथ इस महल को निवास स्थान और हथियार बनाने से हटकर एक प्रमुख जेल बना दिया गया था। यहाँ क़ैद होने वाले ऐतिहासिक व्यक्तियों में हरनान्डो पिज़ारो (Hernando Pizarro), रॉडरीगो कालडेरोन (Rodrigo Calderón), ड्यूक फ़रनान्डो डे कालाबरिया (Duke Fernando de Calabria) सेज़ारे बोरगिया (Cesare Borgia) शामिल हैं। इनमें से कहा जाता है सेज़ारे बोरगिया ने 40 मीटर लम्बा टावर से छलांग लगाकर भागने में कामयाब हुए थे।

बाहरी कड़ियाँ

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  1. "Ministerio de Cultura. Bienes Culturales Protegidos". मूल से 17 दिसंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 अक्तूबर 2014.