चलनिधि समायोजन सुविधा (Liquidity Adjustment Facility or LAF, अंग्रेज़ी में - लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी)[1] भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकों को दी गई एक सुविधा है। यह मौद्रिक नीति के क्रियान्वयन में प्रयुक्त किया जाने वाला एक प्रमुख टूल है।[2]

इसके अंतर्गत रेपो और रिवर्स रेपो आते हैं[2][3], जिनकी दरों पर नियंत्रण करके भारतीय रिज़र्व बैंक बाज़ार में उपलब्ध मुद्रा को नियंत्रित करता है।

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 7 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 अप्रैल 2014.
  2. "मौद्रिक नीति 2013-14 की तीसरी तिमाही समीक्षा- डॉ॰ रघुराम जी. राजन, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक का वक्‍तव्‍य". भारतीय रिज़र्व बैंक. 20 अप्रैल 2014. मूल से 7 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 अप्रैल 2014.
  3. http://rbi.org.in/Scripts/WSSView.aspx?Id=18942[मृत कड़ियाँ]