लिटमस जल में घुलनशील विभिन्न रंजकों का एक मिश्रण होता है जो थैलोफाइटा समूह के 'लिचेन' नामक पौधे से निकाला जाता है। प्रायः इसे सूचक की तरह उपयोग किया जाता है। लिटमस विलयन जब न तो अम्लीय होता है न ही क्षारकीय, तब यह बैंगनी रंग का होता है। बहुत सारे प्राकृतिक पदार्थ जैसे लाल पत्ता गोभी, हल्दी, हायड्रेंजिया, पेटूनिया एवं जेरानियम जैसे कई फफूदों की रंगीन पंखुड़ियाँ किसी विलयन में अम्ल एवं क्षारक की उपस्थिति को सूचित करते हैं। इन्हें अम्ल-क्षारक सूचक या कभी-कभी वेफवल सूचक कहते हैं। नीले लिटमस में co2 गुजारने पर वह लाल रंग में बदलता है। प्रयोगशाला मे लिटमस पत्र का उपयोग अम्ल व क्षार के परीक्षण मे किया जाता है। अम्ल की उपस्थिति मे नीला लिटमस लाल रंग का हो जाता है वहीं पदार्थ मे यदि क्षार उपस्थित है तो यह लाल लिटमस को नीले रंग मे बदल देता है। [याद करने की ट्रिक:

  • अनिल*
लिटमस पाउडर

अ = अम्ल नि = नीले को ल = लाल करता है तथा क्षार ले लिये इसका उल्टा ।]



लिटमस पत्र