लिद्दर घाटी

भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में एक घाटी

निर्देशांक: 33°46′35″N 75°12′48″E / 33.77639°N 75.21333°E / 33.77639; 75.21333

लिद्दर घाटी[2] भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में लिद्दर नदी द्वारा निर्मित एक हिमालय उप-घाटी है जो कश्मीर घाटी[3] का उत्तरी-पूर्वी भाग है। लिद्दर घाटी में प्रवेश का मार्ग अनंतनाग शहर से सात किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित है तथा यह श्रीनगर, जो जम्मू कश्मीर की ग्रीष्म कालीन राजधानी है, के ६२ किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह एक ४० किलोमीटर लंबी गॉर्ज घाटी है[4] जिसकी औसत चौड़ाई ३ किलोमीटर है।

लिद्दर घाटी
अपरदनात्मक, नदी घाटी
पहलगाम के पास लिद्दर नदी घाटी का दृश्य
देश भारत
राज्य जम्मू और कश्मीर
क्षेत्र कश्मीर मंडल
जिला अनंतनाग
नगरपालिका पहलगाम
पर्वतमाला हिमालय
सीमायें सिन्द घाटी (उत्तर)
कश्मीर घाटी (पश्चिम)
नदी लिद्दर नदी
उच्चतम बिंदु
 - स्थिति अरु
 - ऊँचाई 7,940 फीट (2,420 मी.)
 - निर्देशांक 34°5′25″N 75°15′44″E / 34.09028°N 75.26222°E / 34.09028; 75.26222
निम्नतम बिंदु
 - स्थिति सीर हमदन
 - ऊँचाई 5,413 फीट (1,650 मी.)
 - निर्देशांक 33°46′35″N 75°12′48″E / 33.77639°N 75.21333°E / 33.77639; 75.21333
लंबाई 25 मील (40 कि.मी.)
चौड़ाई मील (5 कि.मी.)
आबादी 6,066[1] (2001)
सबसे आसान पहुंच NH 1A

लिद्दर घाटी अनंतनाग जिला के पहलगाम तहसील में अवस्थित है। इसकी पश्चिमी सीमा मुख्य  कश्मीर घाटी के के साथ है और उत्तरी सीमा सिंद घाटी के लगती है[5] और कुल ४० किलोमीटर की लंबाई कवर करती है। इसकी अधिकतम चौड़ाई पांच किमी है। लिद्दर बेसिन, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व में पीर पंजाल रेंज, उत्तर में सिंध घाटी और पूर्वोत्तर के द्वारा जांस्कर श्रेणी द्वारा परिसीमित है।  लिद्दर जल निकासी बेसिन का कुल  क्षेत्र  १,१३४ किमी2[6] है। यह घाटी लिद्दर नदी द्वारा निर्मित है जो अंग्रेजी के वाई (Y) अक्षर के आकार में बनाई गयी है क्योंकि पहलगाम के ऊपर नदी दो धाराओं, पूरबी लिद्दर और पच्छिमी लिद्दर के के रूप में बहती है। इन दो धाराओं में से पूर्वी लिद्दर नदी ऊपर की ओर चन्दनवारी से होकर गुजरती है और इसका स्रोत शेषनाग झील और शीशराम ग्लेशियर है।[2] पश्चिम लिद्दर नदी कोल होई ग्लेशियर से निकलती है[4][7] और अपने रास्ते में कई हरे शंकुधारी जंगलों और अल्पाइन घास की उपत्यकाओं से गुजरती है। लिद्दर घाटी अन्य ज़िलों के लिये स्वच्छ जलापूर्ति का स्रोत है और साथ ही कृषि हेतु सिंचाई का साधन भी।  लिद्दर नदी अपने मार्ग में कई उल्लेखनीय प्राकृतिक स्थलों और पर्यटन स्थलों, उदाहरणार्थ, अरु, पहलगाम, बेताब घाटी, और अकद से होकर गुजरती है। इस घाटी में अवस्थित मुख्य कस्बों में मंडलान, लारिपोरा, फ्रास्लन, अशमुकाम और सीर हमदान हैं।[8]

भूविज्ञान

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अरु, जम्मू और कश्मीर में लिद्दर घाटी का दृश्य

लिद्दर घाटी का निर्माण, लिद्दर और इसकी सहायक जलधाराओं द्वारा, लाखों साल से अधिक की कालावधि के अपरदन द्वारा हिमालय पर्वत के इस क्षेत्र को काट कर किया गया है। आज, नदी द्वारा अनंतनाग के निचले इलाकों में रेत की चादर का निक्षेप हो रहा है।[9] क्रमिक कटाव प्रक्रियाओं ने आसपास के जंगलों वाले इलाके को काट कर बहाया है और कई स्थलों पर गहरे खड्ड (गॉर्ज) का निर्माण किया है।

पारिस्थितिकी

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लिद्दर घाटी में ग्लेशियर जलापूर्ति वाली कई जलधारायें है और लिद्दर की सहायिकायें विभिन्न प्रकार की ट्राउट प्रजाति की मछलियों का आवास हैं।[10] यह नदी घाटी, हिमालयी काला भालू का प्राकृतिक पर्यावास है। इसके साथ ही  इस इलाके में हिमालयी भूरे भालू, कस्तूरी मृग, हिम तेंदुए और हंगुल भी अरु और लिद्दरवत क्षेत्रों में, दाचिगम नेशनल पार्क के करीब हैं, लक्षित किये गये हैं।[8][11]

इन्हें भी देखें

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  1. "Census of India 2001: Data from the 2001 Census, including cities, villages and towns (Provisional)" [भारत की जनगणना 2001: 2001 जनगणना के आँकड़े, जिसमें शहर, कसबे और गाँव शामिल हैं (अनंतिम)] (अंग्रेज़ी में). भारत की जनगणना. मूल से 16 जून 2004 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-11-01.
  2. मनमोहन एन॰ कौल, Glacial and Fluvial Geomorphology of Western Himalaya, South Asia Books, 1990, p. 23, ISBN 978-8170222446
  3. परमानंद पराशर (2004). Kashmir The Paradise Of Asia (अंग्रेज़ी में). Sarup & Sons, 2004. पृ॰ 97–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788176255189. अभिगमन तिथि 20 जून 2012. नामालूम प्राचल |trans_titile= की उपेक्षा की गयी (मदद)
  4. M.S. Kohli (1983). The Himalayas: Play Ground of the Gods Trekking Climbling Adventure (अंग्रेज़ी में). Indus Publishing, 1983. पृ॰ 45–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788173871078. अभिगमन तिथि 20 June 2012.
  5. सुबोध कपूर (2002). The Indian Encyclopaedia: Gautami Ganga -Himmat Bahadur [दि इंडियन एन्साइक्लोपीडिया: गौतमी गंगा - हिम्मत बहादुर] (अंग्रेज़ी में). जेनेसिस पब्लिशिंग प्राइवेट लिमिटेड, 2002. पृ॰ 178–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788177552669. अभिगमन तिथि 20 जून 2012.
  6. कंठ, टी ए, ऐजाज अहमद शाह और ज़हूर उल हसन; Geomorphologic Character & Receding Trend of Kolahoi Glacier in Kashmir Himalaya, [कश्मीर हिमालय में कोल होई हिमानी के भूआकृतिक लक्षण & निवर्तनात्मक प्रवृत्तियाँ Recent Research in Science and Technology 2011, 3(9): 68-73] Archived 2013-12-11 at the वेबैक मशीन, ISSN 2076-5061
  7. एन अहमद और एन ऍच हाशमी (1974). "Glacial History of Kolahoi Glacier, Kashmir, India" [कोलहोई हिमानी, कश्मीर, भारत का हिमनदीय इतिहास] (PDF). जर्नल ऑफ ग्लेशियोलॉजी (अंग्रेज़ी में). 13 (68). मूल (PDF) से 11 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2012-04-16.
  8. "पहलगाम" (अंग्रेज़ी में). anantnag.gov. मूल से 12 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2012-06-20.
  9. Sir Walter Roper Lawrence (1895). The Valley of Kashmir [कश्मीर घाटी] (अंग्रेज़ी में). Asian Educational Services, 1895. पृ॰ 47–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788120616301. अभिगमन तिथि 20 जून 2012.
  10. आर बी सिंह (1990). Environmental geography [पर्यावरण भूगोल] (अंग्रेज़ी में). हेरिटेज प्रकाशन, 1990. पृ॰ 230–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788170260622. अभिगमन तिथि 20 जून 2012.
  11. Trevor Drieberg (1978). Jammu and Kashmir: a tourist guide [जम्मू और कश्मीर:एक पर्यटक गाइड] (अंग्रेज़ी में). विकास पब्लि हाउस, 1978. पृ॰ –. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780706905755. अभिगमन तिथि 20 जून 2012.