लीलावतीज़ डॉटर्स भारतीय महिला वैज्ञानिकों की जीवनियों का एक संकलन है। 2008 में भारतीय विज्ञान अकादमी ने इसे पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया था।[1] पुस्तक का सम्पादन रोहिणी गोडबोले और राम रामस्वामी ने किया है।[2]

किताब के सभी निबंध महिला वैज्ञानिकों के जीवन और उनके अनुभव व संघर्षों का वर्णन करते हैं, और यह समझने का प्रयत्न करते हैं कि इन महिलओं ने विज्ञान को अपनी कारकिर्दगी कैसै चुना और बनाए रखा।

लीलावतीज़ डॉटर्स का शीर्षक बारहवीं सदी के गणितज्ञ भास्कर द्वितीय की बेटी लीलावती, और भास्कर द्वारा रचित उसी नाम के ग्रंथ से प्रेरित है। लीलावती भास्कर और उनकी बेटी के बीच अंकगणित, बीजगणित और ज्यामिति विषयों पर हुई बात-चीत के रूप में हैं।

वर्ण्यविषय संपादित करें

इस संकलन में वनस्पति-विज्ञानिक जानकी अम्माल, भौतिक शास्त्री बी. विजयलक्ष्मी, मौसम विज्ञानी अन्ना मणि, तरल गतिकी विज्ञानी रमा गोविंदराजन, आदि कई महिला वैज्ञानिकों की जीवनियाँ हैं।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Women in Science". ias.ac.in. मूल से 15 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 मई 2015.
  2. "Forgotten daughters". द हिन्दू. मूल से 30 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 मई 2015.