ली फ़ाक
ली फाक (Lee Falk ; (28 अप्रैल, 1911 -- 13 मार्च, 1999) अमेरिका के लेखक, थियेटर के निदेशक तथा लोकप्रिय कॉमिक शृंखलाओं के रचयिता थे।
ली फ़ाक | |
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जन्म | लियोन हैर्रिसन ग्रोस[1] 28 अप्रैल 1911[2] सेंट लुई, मिज़ूरी |
निधन | मार्च 13, 1999 न्यूयॉर्क नगर | (उम्र 87 वर्ष)
राष्ट्रीयता | साँचा:Comics infobox sec/creator nat |
क्षेत्र | लेखक और कार्टूनकार |
प्रसिद्ध कार्य | द फैण्टम, मैनड्रेक द मैजिसियन |
पुरस्कार | एडमसन अवार्ड, सिल्वर टी-स्क्वायर अवार्ड, द येलो किड अवार्ड, द रोमन लाइफ़टाइम अचिवमेंट अवार्ड |
बचपन
संपादित करेंली फ़ाक का जन्म अमेरिका के मिसौरी राज्य के सेन्ट लुईस में हुआ था जहाँ उसका बचपन और जवानी बीती उसके पिता बेन्जामिन ग्रास तथा माता इलिनार अलिना थीं जिनका नाम वेताल तथा मैनड्रेक की कहानियों में आया है वे यहूदी धर्मावलम्बी थे बचपन में ही उसके पिता का स्वर्गवास हो गया था कुछ समय के बाद उसकी माँ ने अलबर्ट फ़ाक एप्सटाईन से विवाह कर लिया जो उसके वौसके भाई लेसिली के पितृतुल्य साबित हुए कालेज छोड़ने के बाद ली फ़ाक ने अपना नाम बदल लिया और अपने सौतेले पिता का उपनाम धारण कर लिया किन्तु अपने बचपन के निकनेम ली को अपना नाम बना लिया वैसे उसका असली नामलियोन हरिसन ग्रास था।
ली फ़ाक ने तीन बार विवाह किया। पहली पत्नी लुईस कानासेरिफ़ से एक पुत्री वैलेरी, दूसरी पत्नी कन्सटान्स मूरहेड से एक पुत्र कोनले तथा पुत्री डियाने हुए तीसरी पत्नी एलिजाबेथ मोक्सले थी जिसने उसके आखिरी दिनों के लेखन मेंसहायता की थी वस्तुतः उसने ली फ़ाक की मृत्यु के बाद वेताल की कथा को पूरा किया था ली फ़ाक की मृत्यु हृदयाघात से १९९९ मेंहुई असप्ताल में उसने आक्सीजन मास्क हटाकर भी कहानी लिखाता रहा था।
वेताल नाम के नकाबपोश कामिक पात्र का रचयिता ली फ़ाक Le है जिसने विश्व प्रसिद्धजादूगर मैनड्रेक कामिक पात्र की रचना की है वेताल अफ़्रीका के काल्पनिक बेन्गाला नामक स्थान पर खोपड़ीनुमा गुफा मे रहकर अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही करता है। उसकी खोपड़ी वाली अँगूठी निशान अपराधियों में भय उत्पन्न कर देता है।
अपराधियों से लड़ने वालो की श्रंखला में२१ पीढी वाले वेताल की कहानी १५३६ से आरम्भ होती है ब्रिटिश नाविक क्रिस्टॊफ़र वाकर के पिता समुद्री डाकुओं के हमले में मारे जाते हैं। क्रिस्टोफ़र वाकर अपने पिता के हत्यारे की खोपड़ी पर बुराई सेलड़ने की शपथ लेता है। एक के बाद एक २१ पीढियों तक नकाब धारण करने के कारण लोग है उसे चलता फ़िरता भूत मानने लगते हैं, आदमी है जो मर नहीं सकता, पूरब के अन्धेरों का संरक्षक आदि।
- ↑ गिफ्फ़ोर्ड, डैनिस (1999-03-19). "Obituary: Lee Falk". The Independent. लंदन. मूल से 11 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2011-04-28.
- ↑ "United States Social Security Death Index," index, FamilySearch (https://familysearch.org/pal:/MM9.1.1/JB2K-BMF Archived 2016-03-04 at the वेबैक मशीन : accessed 12 Mar 2013), Leon Falk, 13 March 1999.