लू श्याबाओ
लू श्याबाओ (२८ दिसम्बर १९५५ - १३ जुलाई २०१७) चीनी नीतियों के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करने वाले मानवाधिकारवादी विद्रोही नेता हैं जिन्हे २०१० का नोबेल शांति पुरस्कार का विजेता घोषित किया गया है।
लू श्याबाओ | |
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लू श्याबाओ का पोर्ट्रेट | |
जन्म |
28 दिसम्बर 1955 [1] चांगचून,जीलिन,चीन[2] |
मौत |
जुलाई 13, 2017 शेनयांग,लियाओनिंग,चीन | (उम्र 61 वर्ष)
राष्ट्रीयता | चीनी |
शिक्षा की जगह |
जीलिन विश्वविद्यालय बीजिंग साधारण विश्वविद्यालय |
पेशा | लेखक, राजनीतिक टीकाकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता |
जीवनसाथी | लू ज़िया (1996–मृत्यु तक) |
पुरस्कार |
2010 नोबेल शांति पुरस्कार |
जीवन
संपादित करेंचीन के साहित्यिक समालोचक, लेखक, प्रोफेसर और मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। जियाओबो ने चीन में लोकतांत्रिक सुधारों और एक दलीय कम्युनिष्ट शासन के अंत की मांग की थी। इस समय वो चीन में राजनीतिक कैदी हैं।
जियाओबो ने २००३ से पेन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। ८ दिसम्बर २००८ में चार्टर ८ में भाग लेने के अपराध में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन औपचारिक रूप से २३ जून २००९ में उन्हें सत्ता पलटने की कोशिश के जुर्म में गिरफ्तार किया गया। इसी अपराध में २३ दिसम्बर २००९ को उनपर मुकदमा चलाया गया और उन्हें ग्यारह साल की सजा हो गई। इसके अलावा २५ दिसम्बर २००९ से उन्हें राजनीतिक अधिकारों से दो साल के लिए वंचित कर दिया गया।
उनके चौथी जेल अवधि के दौरान उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार २०१० से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें मौलिक मानवाधिकारों के लिए अहिंसक तरीके से संघर्ष करने के लिए दिया गया। वो चीन की जेल में रहते हुए नोबेल सम्मान पाने वाले पहले चीनी नागरिक हैं। जेल में रहते हुए नोबेल पुरस्कार पाने वाले वो चौथे नोबेल विजेता है। लिउ नोबेल पाने वाले दूसरे ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें या उनके प्रतिनिधि को नोबेल पुरस्कार समारोह में जाने का अधिकार नहीं दिया गया।
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- लियू शियावबो का निधन, चीन की दुनिया भर में आलोचना (प्रभासाक्षी)
- कौन थे चीन की सरकार को डराने वाले लियू शाओबो? (जुलाई २०१७, नवभारत टाइम्स)
- नोबल पर चीनी बल
- कौन हैं लू श्याबाओ?
- जेल में बंद चीनी मानवाधिकार नेता को नोबेल शांति पुरस्कार
- Official Nobel Page for Liu Xiaobo
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