मूलभूत लेखांकन समीकरण (fundamental accounting equation) अथवा तुलन पत्र समीकरण (balance sheet equation) दोहरी प्रविष्टि प्रणाली की नींव और संपूर्ण लेखांकन विज्ञान की आधारशिला है। अन्य समीकरणों की भांति यहाँ भी समीकरण के दोनों तरफ हमेशा बराबर होनी चाहिए। लेखांकन समीकरण में प्रत्येक लेन-देने की नामे (debit) और ऋण (credit) प्रविष्टि होगी और सभी नामे (बायीं तरफ) और सभी ऋण (दायीं तरफ) लिखे जाते हैं। इसको और अधिक इस तरह समझा जा सकता है:

[1][2]
[1][2]

लेखांकन समीकरण को संतुलित होना चाहिए जिसका अर्थ है कि इसके बायें (नामे) और इसकी तुलन पत्र (बेलेंश सीट) हमेशा दायीं तरफ (उधारी) के बराबर होने चाहिए।

इसे सूत्र के रूप में इस तरह लिख सकते हैं:

परिसंपत्तिदेनदारियाँ = (अंशधारी अथवा इक्विटी का स्वामित्व)[1]

इसी सूत्र के अन्य सरल रूप भी हो सकते हैं। उदाहरण के लिए A (परिसंपत्ति) = L (देनदारियाँ) + P (इक्विटी का स्वामित्व या स्वामी), जिसे और अधिक सरल रूप में A - L = P लिखा जा सकता है।

सभी लेखाकरण लेनदेन समीकरण के कम से कम एक भाग को जरूर प्रभावित करते हैं लेकिन दोनों भागों को हमेशा बराबर रखते हैं। कुछ साधारण लेनदेन इस सूची में समझाये गये हैं:[3]

लेनदेन
क्रमांक
परिसंपत्ति देनदारियाँ इक्विटी स्पष्टिकरण
1 + 6,000 + 6,000 नकदी या अन्य परिसंपत्तियों के लिए पूंजी स्टॉक जारी करना
2 + 10,000 + 10,000 पैसे उधार लेकर संपत्ति ख़रीदना (बैंक से ऋण लेना या बस उधार पर क्रय)
3 900 900 देनदारियों का भुगतान करने के लिए नकदी के लिए संपत्ति बेचना: संपत्ति और देनदारियां दोनों कम हो जाती हैं
4 + 1,000 + 400 + 600 शेयरधारक के पैसे (600) और पैसे उधार लेकर (400) नकद भुगतान करके संपत्ति खरीदना
5 + 700 + 700 राजस्व अर्जित करना
6 200 200 खर्चों का भुगतान (उदाहरण के लिए किराया या पेशेवर शुल्क) या लाभांश
7 + 100 100 अभिलेखित खर्च, लेकिन फिलहाल उनका भुगतान नहीं कर रहे हैं
8 500 500 वह ऋण चुकाना जो आप पर बकाया है
9 0 0 0 किसी परिसंपत्ति की बिक्री के लिए नकद प्राप्त करना: एक परिसंपत्ति का दूसरे के लिए आदान-प्रदान किया जाता है; संपत्ति या देनदारियों में कोई बदलाव नहीं

ये कुछ साधारण उदाहरण हैं लेकिन इसी तरह बहुत जटिल लेनदेन भी लिखे जा सकते हैं। यह समीकरण नामे, उधारी और सामान्य प्रविष्टियों के लिए काम में ली जाती है।

यह समीकरण लेनदेन विश्लेषण मॉडल का का एक भाग है[4] जिसके लिए समीकरण

इक्विटी स्वामित्व = अंशदायी पूंजी + प्रति‍धारि‍त उपार्जन
प्रति‍धारि‍त उपार्जन = शुद्ध लाभलाभांश

और

शुद्ध लाभ = उपार्जन − खर्च

लेखांकन समीकरण में इन प्रतिस्थापनों को करने से प्राप्त समीकरण को विस्तारित लेखांकन समीकरण कहा जाता है, क्योंकि यह समीकरण के इक्विटी घटक के विघटन को दर्शाता है।

प्रतिभूतियाँ = देनदारियाँ + योगदान पूंजी + राजस्व - व्यय - लाभांश

अनुप्रयोग

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लेखांकन समीकरण दोहरी-प्रविष्टि बहीखाता पद्धति के लिए मौलिक स्वरूप है। इस प्रकार लेखाशास्त्र और अर्थशास्त्र में इसके विविध अनुप्रयोग हैं।

  1. Meigs, Walter B.; Meigs, Robert F. (1983). Financial accounting (4. ed संस्करण). न्यूयॉर्क: McGraw-Hill. पपृ॰ 19-20. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-07-041534-8.सीएस1 रखरखाव: फालतू पाठ (link)
  2. Financial Accounting 5th Ed,p 47, HornGren, Harrison, Bamber, Best, Fraser, Willet, Pearson/Prentice Hall, 2006
  3. Accounting equation explanation with examples, accountingcoach.com.
  4. Libby, Libby, and Short. Financial Accounting, Third Edition. McGraw-Hill, 2001. p.120