लोक सेवा गारंटी अधिनियम २०१० (म प्र)
लोक सेवा गारंटी अधिनियम २०१० भारत के मध्य प्रदेश राज्य द्वारा पारित एक विधेयक है। इसके अनुसार लोक सेवकों को तय समयसीमा में काम को पूरा करना होगा और ऐसा न होने पर जवाबदेही तय कर उन पर 500 से 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
नागरिकों को विद्युत, जल के कनेक्शन, बच्चों को स्कूल में प्रवेश, जन्म, मृत्यु, निवास और विवाह के प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। एफ.आई.आर. की कॉपी के लिए विनय नहीं करना होगा। राशन कार्ड और हैण्डपंप की मरम्मत में देरी नहीं होगी। समय से सभी काम होंगे जो काम समय से नहीं होंगे उन कामों को करने में देर करने वाला दंडित होगा। देरी से पीडि़त को क्षतिपूर्ति मिलेगी। यह क्षतिपूर्ति 250 से 5000 रूपए तक की हो सकती है।
म.प्र. लोक सेवा प्रदाय गारंटी विधेयक 2010 एक अभूतपूर्व विधेयक है। इसके परिणाम भी अभूतपूर्व ही होंगे। समय से काम होगें तथा भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति नियंत्रित होगी। कार्यों के संचालन में देरी करने पर जुर्माने के प्रावधान से अनावश्यक विलम्ब की प्रवृत्ति भी रूकेगी। कार्यों में पारदर्शिता आएगी, क्योंकि गलत तरीके से आवेदनों को निराकृत नहीं किया जा सकेगा। स्पष्ट व्याख्या ही निराकरण का आधार होगी। समय सीमा में कार्य होने से प्रकरण निश्चित अवधि में ही निराकृत होंगे। अनावश्यक प्रलोभन की प्रवत्ति रूकेगी।
म.प्र. लोक सेवाओं की गारंटी विधेयक 2010 एक ऐतिहासिक कदम है। नागरिक प्रशासन में नागरिकों की भागीदारी, उनके अधिकारों के संरक्षण का अभूतपूर्व प्रयास है। यह कानून लाल फीताशाही (रेड टेपिज्म) पर नियंत्रण का एक सशक्त माध्यम बनेगा। इस विधेयक का सभी वर्गों और सभी दलों ने स्वागत किया है।
अब चिन्हित सेवाओं को प्राप्त करने के लिए आमजन को किसी की इच्छा पर निर्भर नहीं रहना होगा। सेवायें प्राप्त करना अब अधिकार होगा। लोक सेवा प्रदान करने में लापरवाही या कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर अर्थदण्ड आरोपित करने का प्रावधान भी इस अधिनियम में किया गया है। प्रत्येक चिन्हित सेवाओं को प्रदान करने के लिए समय-सीमा निर्धारित की गई है। प्रथम चरण में ९ विभागों की २६ सेवाओं को इस अधिनियम के दायरे में रखा गया है। तय समय-सीमा में पदाभिहित अधिकारी को यह सेवा प्रदान करनी होगी। समय-सीमा में काम नहीं करने पर दोषी अधिकारी-कर्मचारी पर २५० रूपये से लेकर ५ हजार रूपये तक के दण्ड की व्यवस्था की गई है।
शामिल विभाग
संपादित करेंऊर्जा विभाग ६ सेवायें, श्रम विभाग-३ सेवायें, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी २ सेवायें, राजस्व विभाग ५ सेवायें, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग एक सेवा, सामान्य प्रशासन विभाग एक सेवा, सामाजिक न्याय विभाग ५ सेवायें तथा आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग एक सेवा तथा खाद्य विभाग २ सेवायें इस प्रकार ९ विभागों की २६ सेवाएं शामिल हैं।
- बिजली विभाग-
निम्नदाव. नया कनेक्शन.. 10 केवी का अस्थाई कनेक्शन, मीटर गडबड़ी की शिकायत, खराब मीटर को सुधारना और बदलना.
- श्रम विभाग-
प्रसूति सहायता. विवाह सहायता. म्रत्यु होने पर अंत्येष्टि और अनुग्रह सहायता योजनाओं का लाभ समय पर प्रदान किया जाऐगा.
- लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग-
हैंड़पंप लगवाना, इसका का सुधार कार्य
- राजस्व विभाग-
प्राकृतिक प्रकोप. आर्थिक सहायता. चालू खसरा एवं खतौनी की प्रतिलिपी. चालू नक्शे की प्रतिलिपी. भू अधिकार और ऋण पुस्तिका संबंधी सेवाऐं शामिल हैं।
- नगरीय प्रशासन विभाग-
नल कनेक्शन दिया जाना
- सामान्य प्रशासन विभाग-
स्थानीय निवास प्रमाण पत्र जारी करना.
- सामाजिक न्याय विभाग-
सामाजिक सुरक्षा पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्त पेंशन, राष्ट्रीय परिवार सहायता.
- आदिम जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग-
अनुसूचित जाति एवं जनजाति आकस्मिकता योजना, राहत प्रदान ना होने पर शिकायत का सामाधान करना.
- खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग-
नये बीपीएल और एपीएल राशनकार्ड जारी करना.
Police &capf
- लोक प्रशासन
- सूचना का अधिकार अधिनियम, २००५
- शिक्षा का अधिकार विधेयक
- मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना)
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- मध्य प्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010
- लोक सेवा विधेयक
- मध्यप्रदेश लोक सेवाओं की गारंटी विधेयक-2010 पारित (एमपी मिरर)
- लोक सेवा गारंटी विधेयक विस में पारित[मृत कड़ियाँ]
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